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कृषि कीट विज्ञान परिभाषा-कोश (अंग्रेज़ी-हिंदी)
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Abdominal ganglion | उदरी गुच्छिका | आहारनाल और दीर्घ अधर पेशियों के बीच स्थित छोटा अंडाकार तंत्रिका केन्द्र, जो आम तौर पर कीट के प्रत्येक उदरीय खंड एक में होता है और जो आहार नाल और बड़ी अधरपेशियोंके बीच में स्थित होता है । कभी - कभी ये गुच्छिकाएँ संयुक्त होकर उदर के पश्च खंडों में तंत्रिकाओं की आपूर्ति कर देती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Absolute estimation | पूर्ण आकलन | किसी आवास में पहले से निर्धारित एकक में कीटों की संख्या की गणना । यह प्रति इकाई गणना आयतन, क्षेत्र, प्रति पादप परपोषी, प्रति प्राणि परपोषी आदि के संदर्भ में कीटों के घनत्व का आकलन बताती है । उदाहरण के लिये मानकीकृत चूषक पाशों द्वारा वायु से नमूना लेना, पादप भागों से अचल अवस्थाओं जैसे अंडे और प्यूपों को एकत्रित करना, पादप भागों पर अशन करते डिम्भकों को एकत्रित करना अथवा उनकी पूरी पंक्ति अथवा प्रति वर्ग मीटर से कीटों अथवा उनकी परिपक्व अवस्थाओं की गणना । | प्रतिपुष्टि |
Acarology | चिंचड़ी विज्ञान | विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत चिंचड़ियों का अध्ययन किया जाता है । चिंचड़ियों को शिरोवक्ष, चार चोड़े पाद और एक जोड़ी प्रकरज (चेलिसेरी) की उपस्थिति तथा श्रृंगिकाओं की अनुपस्थिति द्वारा कीटों से अलग किया जा सकता है । | प्रतिपुष्टि |
Accessory cell | अतिरिक्त कोशिका | लेपिडोप्टेरा कीटों के अगले पंख की बंद कोशिका जो रेडियस, प्राय: आर - 3 कोशिका, की दो शाखाओं के संलयन से बनती है । | प्रतिपुष्टि |
Accessory glands | सहायक ग्रन्थियां | कीटों के जनन तंत्र से संबद्ध ग्रंथियां जो जनन संबंधी कुछ गौण कार्यो को भी पूरा करती है, अंडों का आवरण अथवा कोष बनाने वाले आसंजनशील पदार्थ स्रवण करती हैं और नर में श्लेष्मा ग्रंथि स्खलनीय वाहिनी मे खुलती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Acetabulum | श्रोणि उलूखल | कीटों के वक्ष के कोटर जहां पादप लगे होते हैं । ये चक्रीय (कपकेसमान) कोटर, उरोस्थि, पश्चपार्श्वक और कभी - कभी अग्रोदर के किनारों से बने होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Acron | एक्रानकीट भ्रूण | खंडीभवन के समय प्रारम्भिक शिर प्रदेश में दो दीर्घ पार्श्वपालि होती हैं जिनके कुछ भाग से श्रृंगिका - पूर्व भाग बनते हैं । इसी प्रदेश में दूसरी द्विपालिक शोध उभरती है जो कि पूर्व मुख है जहां से भावी ऊर्ध्वोष्ठ विकसित होता है । कीट सिर का भ्रूणीय पूर्व - खंडीय उपप्रदेश । | प्रतिपुष्टि |
Aedeagal apodeme | लिंगाग्रिका आंतरवर्धनर | कीट में लिंगाग्रिका का आंतरवर्ध । | प्रतिपुष्टि |
Aedeagus | लिंगाग्रिका | नर कीट का मैथुन अंग । स्खलन वाहिनी का अंतिम भाग अधर देहभित्ति से उत्पन्न अंगुली जैसे अंतर्वलन से घिरा रहता है , जिससे नर प्रवेशी अंग बनता है । | प्रतिपुष्टि |
Aeropyle | वायुद्वार | कीटों के अंडों में उपस्थित प्रणाल जिनके द्वारा गैस भरी परत अंडे के बाहरी पर्यावरण से संपर्क करती है । | प्रतिपुष्टि |
Aestivation | ग्रीष्म निष्क्रियता | ग्रीष्मकाल में कीट की सुसुप्तावस्था जिससे उसका शरीर अधिक ताप सहने के अनुकूल बन जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Air tube | वायु नलिका | नली अथवा नलियों का जोड़ा जिसका सिरा पानी के ऊपर निकला रहता है और जिसकी सहायता से पूरे समय पानी के अंदर रहने वाले कीट सांस ले सकते हैं । उदाहरण - मच्छर का डिम्भक । | प्रतिपुष्टि |
Alary muscle | पक्षाकार पेशी | कीट की ह्रदयावरणी गुहा को परि - अंतरंग से अलग करने वाली झिल्ली में प्रविष्ट तिकोने पंख के समान पेशियों की श्रृंखला जिनके संकुचन से रक्त प्रवाह ह्रदयावरणी गुहा में होता है और छोटे छिद्र अथवा आस्य से होकर लम्बे पृष्ठीय नलिकाकार ह्रदय में पहुंचता है । | प्रतिपुष्टि |
Alate | सपक्षक | प्रवासी मादा एफिड वर्ग के पंखवाले कीट । | प्रतिपुष्टि |
Alder fly | पौरमक्षीन्यूरोप्टेरा गण के सिलिएडी कुल के आदि कीट | इनके जलीय, परभक्षी डिम्भकों में क्लोम तंतुओं (gill - filament) से झल्लरित सात या आठ जोड़ी सुपष्ट उदरीय उपांग (appendage) होते हैं । वयस्क कीट उड़ने में दुर्बल तथा कम समय तक जीवित रहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Alien species | विदेशी जाति | वह कीट अथवा जीव जो किसी ऐसे प्रदेश में प्रवेश पा गया है अथवा प्रवेशित कर दिया गया है जहां वह पहले उपस्थित नहीं था । | प्रतिपुष्टि |
Alinotum | पक्षपृष्ठक | सपंख कीट के मध्यवक्ष अथवा पश्चवक्ष की पृष्ठक - पट्टिका (notal plate) । | प्रतिपुष्टि |
Alkaloid | ऐल्केलॉइड | कुछ पौधों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नाइट्रोजनी पदार्थ जिनका उपयोग वनस्पति मूल के कीटनाशी तैयार करने के लिए किया जाता है । ये विषम पदार्थ हैं और कीटों में परपोषी के चयन का निर्धारण करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Alkylating agent | ऐल्किलन कारक | सल्फोनिक अम्ल के ये ऐस्टर नाइट्रोजन मस्टर्डस और एजिरिडिन हैं और नर कीट बंध्यक के रुप में अत्यधिक प्रभावी हैं । उदाहरण - टेपा और एफोलेट । | प्रतिपुष्टि |
Allethrin | ऐलेथ्रिन | एक संश्लेषित कीटनाशी जो वानस्पतिक कीटनाशी पायरिथ्रीन की भांति होता है । | प्रतिपुष्टि |
Allometry | सापेक्षमिति | सामाजिक कीटों में पाई जाने वाली परिघटना जहां शरीर के भाग अथवा भागों में असमानुपाती वृद्धि हो जाती है जैसे कि चींटियों के सैनिक प्रभेद में दीर्घ सिर और दीर्घ चिबुक का होना । | प्रतिपुष्टि |
Allopatric distribution | विस्थानिक वितरण | कीट जाति अथवा समष्टियों का स्थानिक वितरण जो भूगोलिक रोध द्वारा पृथक रहता है । | प्रतिपुष्टि |
Alternate host | एकान्तर परपोषी | किसी कीट के जीवन चक्र को पूरा करने के लिए उपयोग में आने वाली एक या दो पादप परपोषी जाति । | प्रतिपुष्टि |
Alula | पक्षिका | पक्ष - आधार के पश्च कोण पर विशेष रूप से विकसित कलामय पालियों का एक जोड़ा । उदाहरण - डिप्टेरागण के कुछ कीट । | प्रतिपुष्टि |
Ametabolus (ametamorphic) | अकायांतरणी | पंखहीन अदिम कीट जिनमें कायांतरण नहीं होता । ये कीट डिप्लूरा, थायसेन्यूरा, कोलम्बोला और प्रोटूरा गण के अंतर्गत आते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Amniotic fluid | उल्ब तरल | परिवर्धित होते भ्रूण को चारों ओर से घेरे रखने वाला तरल । यह अंड स्फुटन के समय कीट डिम्भकों की सहायता करता है क्योंकि डिम्भक स्फुटन के समय इस तरल को निगलकर आकार में बढ़ जाते हैं और अंड कवच को तोड़ देते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Amphibious | उभयचरी, जलस्थली | ऐसे कीट जो अपने जीवन काल में कम से कम कुछ समय तक जल और भूमि पर रह सकते है । | प्रतिपुष्टि |
Anemotaxis | वातानुचलन | 1. कुछ पंखों वाले कीटों में उस वायु प्रवाह की ओर उड़ने की प्रवृति होती है जो स्रोत विशेष से मादा वयस्कों के सेक्स फीरोमोन गंध अणुओं को लाता है । गंध के स्रोत की ओर पहुंचने के लिए वयस्कों के उड़ने में अवरक्त विकिरण (infrared radiation) सहायक होता है । 2. रेंगने वाले कीट, चीटियां और कुछ कीटों की डिम्भक अवस्थाएं भोजन स्रोतों और आश्रयस्थलों की ओर पथ का अनुसरण करते हैं । 2. रेंगने वाले कीट, चीटियां और कुछ कीटों की डिम्भक अवस्थाएं भोजन स्रोतों और आश्रयस्थलों की ओर पथ का अनुसरण करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Anal cell | पक्षांत कोशिका | कीट पंख के पक्षांत क्षेत्र की एक कोशिका,1 ए कोशिका (डिप्टेरा - द्विपंखी गण) | प्रतिपुष्टि |
Anal lobe | पक्षांत पालि | कीट के पिछले पंख के पश्च आधारी भाग पर उपस्थित एक पालि । | प्रतिपुष्टि |
Analogous | समवृत्ति | वे सरंचनाएं जिनके कार्य तो समान होते हैं परन्तु विकास के मूल भिन्न होते हैं, जैसे - कीट नखर (पंजा) और हाथ । | प्रतिपुष्टि |
Anal cerci | गुदलूम | गुदा के सिरे पर स्थित उपांग जो कीट मे जीवन पर्यन्त बने रहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Anamorphosis | एनामॉर्फोसिस | अंडे के स्फुटन के बाद कीट में अतिरिक्त उदरीय खंडों का बनाना, जैसा कि आद्य अथवा पूर्वग गण प्रोटूरा में होता है । | प्रतिपुष्टि |
Anteapical cell | प्रतिशीर्ष कोशिका | कीट पंख के दूरस्थ भाग की एक कोशिका उदाहरण - पातफुदका (लीफ हॉफर) । | प्रतिपुष्टि |
Antennal fossa | श्रृंगिका खात | कीटों के सिर में पायी जाने वाली गुहा या गर्त जिसमें श्रृंगिकाएं स्थित होती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Anterodorsal | अग्रपृष्ठीय | कीट शरीर की आगे, शीर्ष या ऊपर की तरफ की स्थिति । | प्रतिपुष्टि |
Anteromesal | अग्रमध्यवर्ती, एन्टेरोमीसल | कीट शरीर के आगे और मध्य रेखा की समवर्ती स्थिति । | प्रतिपुष्टि |
Anteroventral | अग्राधर | कीट शरीर के आगे, नीचे या निचले भाग की स्थिति । | प्रतिपुष्टि |
Antibiosis | प्रतिजीविता | कीट के जीवन पर पादप का प्रतिकूल प्रभाव । | प्रतिपुष्टि |
Antixenosis | एंटिजेनोसिस | कोगल तथा ओर्टमन द्वारा प्रस्तावित शब्द जो प्रतिजीविता के समानार्थक है । अब नॉन प्रीफेरेन्स की जगह प्रयुक्त होता है और इसमें कीटों की अंडे देने की क्षमता पर पादप का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । | प्रतिपुष्टि |
Aorta | महाधमनी | कीटों की पृष्ठ रक्त वाहिनी का कपाट रहित अग्र - भाग जो पश्च - भाग (ह्रदय) की अपेक्षा सिर क्षेत्र में आस्रावित होता है । | प्रतिपुष्टि |
Apical cell | शीर्ष कोशिका | वह वृहदाकार पोषी कोशिका जो कुछ कीटों में वृषण नलिका के ऊपरी सिरे पर होती है । | प्रतिपुष्टि |
Apodous | अपाद | कीटों के डिम्भकों का एक प्रकार जिसमें वक्षीय और उदरीय उपांग पूर्णतया दमित अथवा अनुपस्थित होते हैं । इस प्रकार के डिम्भक अधिकतर हाइमेनोप्टेरा, डिप्टेरा, कोलियोप्टेरा गणों में और लेपीडोप्टेरा के कुछ कीटों में पाये जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Apodous larva | अपाद डिम्भक | ऐसा डिम्भक जिसमें धड़ - उपांग पूरी तरह दबे होते हैं । अधिकांश कीटों की उत्पत्ति अल्पपाद किस्म के डिम्भक से होती है . कोलियोप्टेरा में पादहीन अवस्था अनेक कुलों के कीटों में मिलती है । | प्रतिपुष्टि |
Apodus | अपाद, पादहीन | कीट का पादरहित डिम्भक (लार्वा) | प्रतिपुष्टि |
Appetitive behaviour | अभिलाषी व्यवहार | जब कीटों के लिये प्राकृतिक निकेत में उनके संकेंद्रण (concentration) स्थल की पर्यावरणी दशायें उपयुक्त हो जाती हैं तो उन्हें उद्दीपनों के मोचित होने से आवश्यक निवेश प्राप्त होते है ताकि वे अनिवार्य जीवन संबंधी कार्य कर सकें । इसके अंतर्गत वे तेजी से कुछ स्थलों की ओर बढ़ते हैं जो निम्नलिखित हैं | 1. अंडनिक्षेपण / स्फुटन स्थल 2. शिशु अशन स्थल 3. निर्मोचन (moulting) 4. वयस्क निर्गमन स्थल 5. वयस्क अशन स्थल 6. संगम स्थल 7. दिवाचर / निशाचर क्रिया स्थल और 8. शीतनिष्क्रियता / उपरति (diapause) स्थल आदि । कीटों की ये सभी क्रियाएं इस व्यवहार के अंतर्गत आती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Apterous | पक्षहीन | बिना पंखों वाला कीट । | प्रतिपुष्टि |
Apterygota | एप्टेरिगोटा | पंख हीन कीटों का वह उप - वर्ग जिनकी पक्षहीन दशा आदिम मानी गई है और जिनमें कायांतरण कम अथवा नहीं होता । वयस्क में एक या अधिक जोड़ी अग्रजननीय (pregenital) उदरीय उपांग होते हैं तथा चिबुकास्थियां (mandibles) सिर सम्पुट (headcapsule) से प्राय: एक स्थान पर संधित होती हैं । उदाहरण - धाइसेन्यूरा, डिप्लूरा,प्रोट्यूराऔर कोलेम्बेला गणों के कीट । | प्रतिपुष्टि |
Aspirator | चूषित्र | कीटों को चूषण द्वारा पकड़ने की एकयुक्ति। | प्रतिपुष्टि |
Assay | आमापन | किसी पदार्थ के अवयवों का गुणात्मक अथवा मात्रात्मक निर्धारण जैसे औषध या कीटनाशी । | प्रतिपुष्टि |
Attractant | आकर्षी | एक रसायन विशेष या भौतिक स्रोत जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करता है । | प्रतिपुष्टि |
Autocidal control | स्वघाती नियंत्रक | किसी कीट जाति का उसके विरुद्ध ही उपयोग जिससे कि कीट की प्राकृतिक समष्टि को कम किया जा सके अथवा उसका उन्मूलन किया जा सके । इसे प्राय: कुछ साधनों द्वारा आनुवंशिक हेर - फेर से प्राप्त करते हैं । उदाहरण - बन्ध्य नर का मोचन । | प्रतिपुष्टि |
Autoecology | स्वपारिस्थितिकी | एकल कीट जाति के द्वारा किसी समुदाय के विशेष निकेत में रहने के लिए किए जाने वाले अनुकूलन का अध्ययन । | प्रतिपुष्टि |
Basal apodeme | आधारिक आंतरवर्ध | नर कीट के शिश्नाधार का आंतरवर्ध । | प्रतिपुष्टि |
Behavioural orientation | व्यवहारिक अभिविन्यास | किसी कीट जाति की परिक्षिप्त समष्टि का दृश्य और घ्राण उद्दीपन के प्रभाव से परपोषी पादप की ओर अभिविन्यास (आना) । ये दोनों ही उद्दीपन भ्रमणशील कीट जाति के व्यष्टियों को परपोषी की तरफ घूम जाने में सहायता करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Behavioural resistance | व्यावहारिक प्रतिरोध | कीटों मे कीटनाशियों के लिए प्रतिरोध की एक क्रियाविधि जो व्यावहारिक परिवर्तन से आती है जिससे कीट अपने आपको कीटनाशियों के संपर्क में आने से बचाता है, अर्थात् एक सामान्य कीट जाति के कुछ व्यष्टि कीटनाशी द्वारा उपचारित सतह से दूर रहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Bethylid wasp | बेथिलिड बर्र | ऐसा कीट जिसमें ट्रोकेन्टिलस (trochantellus) अल्पपरिवर्धित अथवा नहीं होता तथा पश्चवक्षों में प्राय: पक्षांतपालि (anal lobe) होती है, ये छोटे अथवा मध्यम आकार और गहरे रंग वाले चींटी के समान कीट लेपिडॉप्टेरा (शल्कपंखी गण) और कोलियोप्टेरा (वर्मपंखी गण) के डिम्भको पर परजीवी होते हैं । उदाहरण - पेरिसीरेला, नेफेनटीडिस और गोनियोजस इन्डिकस । | प्रतिपुष्टि |
Bioassay | जैव आमापन, बायोऐसे | मानक अथवा मानक कोटि की अनुक्रिया के मापन के परिप्रेक्ष्य में, जीवों (कीटों) की अनुक्रिया के व्यवस्थित मानप द्वारा, किसी पदार्थ का गुणात्मक या मात्रात्मक निर्धारण । | प्रतिपुष्टि |
Biogeography | जीव भूगोल | विज्ञान की वह शाखा जो समय और स्थान में प्राणियों (कीटों) और पादपों के वितरणों से संबंध रखती है । | प्रतिपुष्टि |
Biological control | जैविक नियंत्रण | नाशक कीटों और संबद्ध पीड़कों को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक शत्रुओं - परजीवियों, परभक्षियों और रोगाणुओं का जान - बूझ कर किया गया उपयोग । इसे जैव - नियंत्रण भी कहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Bioluminescence | जीव संदीप्ति | कुछ कीटों में प्रकाश उत्पन्न करने की क्षमता, जो लूसीफेरिन नामक पदार्थ और लूसीफेरेज एन्जाइम के बीच पारस्परिक क्रिया का परिणाम है । वास्तविक संदीप्ति अथवा स्वसंदीप्ति के उदाहरण कोलेम्बोला, होमोप्टेरा, डिप्टेरा और कोलियोप्टेरा गणों में मिलते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Biotic agent | जीवीय कारक | जैविक जीव, विशेषकर लाभदायक जैसे रोगाणु, परजीवी, परभक्षी जो नाशक कीटों की बढ़ती समष्टियों का संदमन करते हैं तथा खरपतवारों के घनत्व को कम करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Biotic community | जीवीय समुदाय | स्थान विशेष पर किसी कीट जाति के व्यष्टियों की उपस्थिति उसकी समष्टि है । किसी क्षेत्र में कीटों की विभिन्न समष्टियों की उपस्थिति से समुदाय बनता है । ये समुदाय आपस में और अपने भौतिक पर्यावरण से भी लगातार पारस्परिक क्रिया करते रहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Biotic potential | जीवीय विभव | प्राणी या कीट की किसी भी जाति को स्वतंत्र रहने देने पर और प्राकृतिक शत्रुओं, रोग या अन्य संदमनकारी कारकों से पृथक रखे जाने पर उसकी वृद्धि का अधिकतम आकलन । सामान्यतया विभवीय जनन दर बहुत अधिक होती है लेकिन अस्तित्व के लिए संघर्ष में संतुलन बना रहता है और इस कारण किसी भी जाति का समष्टि घनत्व मोटे तौर पर नियत अथवा एक समान रहता है । | प्रतिपुष्टि |
Biting mouthparts | आदंश मुखांग | ठोस पदार्थ को काटने और पीसने के लिए अनुकूलित कीट मुखांग । ऐसे मुखांग चिबुकीय (mandibulate) या आदंशी भी कहलाते हैं । उदाहरण - थायसेन्यूरा, ऑर्थोप्टेरा, डर्मेप्टेरा, डिक्टिओप्टेरा, ऑडोनेटा, कॉलियोप्टेरा और अनेक कीटों के डिम्भक । | प्रतिपुष्टि |
Blastopore | कोरक रन्ध्र | कंदुकन गुहिका का मुख । कीट भ्रूण में कोरक रंध्र जो कभी भी खुला छिद्र नहीं होता बल्कि रंध्र क्षेत्र एक खांचा जैसा दिखाई देता है । | प्रतिपुष्टि |
Book louse | पुस्त यूका | सोकोप्टेरा गण के अतंर्गत आने वाले कीट जिनकी 12 -50 खंडों वाली लम्बी तंतुरूप श्रृंगिकाएं होती हैं । इन कीटों में पंख नहीं होते तथा सामान्यतया ये किताबों और कागज़ों के ढेर में पाए जाते हैं और पुस्तकों की जिल्द के लेप (पेस्ट) पर अशन करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Borers | वेधक | चर्वण भाग से युक्त मुख वाले कीट जो तनों, कंदों तथा फलों आदि में छेद करते हैं । उदाहरण - धान्य वेधक, ज्वार की प्ररोह मक्खी, शीर्ष वेधक । | प्रतिपुष्टि |
Brachypterous | लघुपंखी | छोटे अग्रपक्ष वाले कीट । कुछ ऋजुपंखी (arthopterans) जातियों के दोनों ही लिंगों में सामान्य और छोटे पंख होते हैं जबकि अन्य कीट जातियों की केवल मादायें ही छोटे पंख वाली होती हैं । यह झिंगुरों, विशेषत: छछुन्द झिंगुरों का विभेदक लक्षण (diagnostic character) है । | प्रतिपुष्टि |
Bristle tails | शूक पुच्छ | थाइसैनूरा - गण के स्थलीय कीट जो शल्कों से आच्छादित होते हैं तथा चांदी अथवा घूसर रंग के होते हैं । उदाहरण - फायर - ब्रेट, रजत मीनाभ (सिल्वर फिश) आदि । | प्रतिपुष्टि |
Bursa copulatrix | मैथुन प्रपुटी | मादा कीट का मैथुन कोष्ठ जो सामान्यत: जननकक्ष या उसका एक भाग होता है तथा मैथुन के समय लिंगाग्रिका को आत्मसात करता है । | प्रतिपुष्टि |
Buzzing | कलस्वर, मर्मर | कीटों के उड़ते समय उत्पन्न होने वाली ध्वनि जो हाइमैनोप्टेरा गण के कीटों - बोम्बस हीमोराइड्स में सामान्यत: होती है । | प्रतिपुष्टि |
Cannibalism | स्वजातिभक्षण | भोजन की वह प्रक्रिया जिसमें एक जीव अपने परिवर्धन के लिए अपनी ही जाति के दूसरे जीव का अशन करता है । इसमें एक अपरिपक्व अवस्था (डिम्भक) अपनी ही जाति की दूसरी अपरिपक्व अवस्था का भक्षण करती है । उदाहरण - चने की सूंड़ी, हिलियोथिस आर्मीजेरा । इसके अतिरिक्त ट्राइबोलियम कीट में पोषकीय लाभो के लिए अथवा कुछ परभक्षियों में घनत्व को नियंत्रित करने की क्रियाविधि के रुप में ऐसा देखा गया है । आकस्मिक तौर पर प्रेइंग मेन्टिडों में मैथुन के समय मादा नर पर आक्रमण कर उसके सिर को खा जाती है । | प्रतिपुष्टि |
Cantharid beetle | कैन्थेरिड भृंग | मेलॉइडी कुल के भृंगा इनसे कैन्थेरिडिन (C10H12O4) नामक औषध उत्पाद बनता है जो सुखाए गए कीटों से तैयार किया जाता है । इन भृंगों के केवल एलेट्रा ही औषध के लिए काम में लाए जाते हैं क्योंकि इनमें कीट के सारे कोमलांगों से भी अधिक सक्रिय तत्व होते हैं, लिट्टा जाति के भृंगों का वाणिज्यिक कैन्थेरिडिन के उत्पादन में उपयोग किया जाता है हांलाकि इसकी तुलना में माइलेब्रिस से अधिक केन्थेरिडिन निकलता है । | प्रतिपुष्टि |
Carbamate | कार्बामेट | कीटनाशकों का वह समूह जोकार्बेमिकअम्लों के व्युत्पन्नों से बना होता है और जिसके एक अणु में OCON= समूह होता है । ये कार्बामेट एस्टर कीटों और स्तनधारियों में कोलीनेस्टरेज एन्जाइम को अवरुद्ध करते हैं । ये कीटनाशकों, वरुथीनाशकों (एकेरीनाशकों) अथवा सूत्रकृमिनाशकों की भांति कार्य कर सकते हैं । उदाहरण - एल्डीकार्ब, मीथियोकार्ब, कार्बेरिल, कार्बेनेट आदि । | प्रतिपुष्टि |
Carcinogenic | कैन्सरजनी | कीटनाशी, पीड़कनाशी, पदार्थ या कर्मक के कैंसर उत्पादन करने वाले गुण के लिए प्रयुक्त । | प्रतिपुष्टि |
Cardo | कार्डो | जंभिका (maxillae) का प्रथम अथवा निकटस्थ भाग जो बहुत से कीटों में सिर से जुड़ा होता है । | प्रतिपुष्टि |
Carry over | उद्वाहन (क्रि.) | ऐसा प्रक्रम जिसके द्वारा कीट प्रतिकूल जलवायु वाली परिस्थिति को कटी हुई फसल के वृंतों (stalks), ठंठों (stubbles) और गोलकों (bolls) में रहकर व्यतीत करते हैं ताकि आगामी ऋतु में फसल को ग्रसित कर सकें । उदाहरण - बिनौला का गुलाबी गोलाक कीट, कटी फसल के वृंतों और ठूठों में ज्वार और मक्का का तना वेधक, गहाई गई बालियों में मशकाभ (midge) आदि । | प्रतिपुष्टि |
Chaetotaxy | शूकविन्यास | बाह्य कंकाल पर शकों की व्यवस्था पर आधारित नाम पद्धति । कीट संदर्भ में शूकों का नियत प्रतिरूप में विन्यास जो वर्गिकी के लिये महत्वपूर्ण है । | प्रतिपुष्टि |
Cholinesterase | कोलीनेस्टेरेस | शरीर का ऐसा एन्जाइम जो किसी भी मार्ग से प्रविष्ट कार्ब - फॉस्फेट (organophosphate) या कार्बामेट कीटनाशकों के कारण नष्ट या क्षतिग्रस्त तंत्रिका को सम्यक रूप से क्रियाशील बनाने के लिए आवश्यक है । | प्रतिपुष्टि |
Cholinesterase inhibitor | कोलीनेस्टेरेस संदमक | कोई भी कार्ब - फॉस्फेट, कार्बामेट या अन्य कीटनाशक रसायन जो तंत्रिका - तंत्र से संबद्ध ऐसीटिल कोलिन को निष्क्रिय करने वाली एंजाइम की क्रिया में बाधा उत्पन्न करता है । | प्रतिपुष्टि |
Chorion | जरायु | कीट अंड - कला का अकाइटिनी कवच जो अंडाशय की कोशिकाओं द्वारा अंडाणु के चारों ओर स्रावित होता है । | प्रतिपुष्टि |
Cicada | साइकेडा | साइकेडिडी कुल का कीट जिसके नर उदर के नीचे स्थित कम्पमान झिल्लियों की सहायता से एक तीव्र ध्वनि उत्पन्न करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Claspers | अलिंगक, क्लेस्पर्स | नर कीटों के उदर के सिरे पर प्रवर्धो का एक जोड़ा जो मैथुन के दौरान मादा को जकड़ने के काम आता है । | प्रतिपुष्टि |
Classical biological control | चिरप्रतिष्ठित जैव नियंत्रण | हानिकारक पीड़कों के प्राकृतिक शत्रुओं का क्षेत्रों में जानबूझकर प्रवेशन और वितरण जहां वे पहले उपस्थित नहीं थे । उन्हें विशेषकर विदेशी उत्पत्ति के पीड़कों के विरुद्ध उपयोग किया जाता है । सिट्रस के हानिकारक कीट आइसीरिया परचेसी, के नियंत्रण के लिये आस्ट्रेलियाई लेडी भृंग रोडोलिया कार्डिनेलिस का उपयोग सफलतापूर्वक किया गया । | प्रतिपुष्टि |
Cleptoparasitism | क्लैप्टोपरजीविता | वह परजीविता जिसमें कुछ परजीव्याभ विशेषकर उस कीट परपोषी पर आक्रमण करते हैं जो पहले से ही अन्य परजीव्याभ द्वारा परजीवीकृत कर दिया गया है । यह बहुपरजीविता का उदाहरण है । | प्रतिपुष्टि |
Cocoon | कोकून, कोया | कुछ कीटों द्वारा उत्पन्न रेशमी आवरण जो कोशित की रक्षा करता है। रेशम कीट का कोया रेशम का स्रोत है । | प्रतिपुष्टि |
Coleoptera | कोलियोप्टेरा (वर्मपंखी गण) | सूक्ष्म से लेकर बड़े आकार तक के कीट जिनके अग्रपंख श्रृंगीय या चर्मिल प्रवर्म (elytra) में रूपांतरित होते हैं जो बैठने की स्थिति में मिल जाते हैं जिसके फलस्वरूप एक सीधी मध्य - पृष्ठीय सीवन (suture) बन जाती है । पश्चपंख झिल्लीमय और प्रवर्मो के नीचे वलित रहते हैं तथा लघूकृत या अनुपस्थित होते हैं । अग्रवक्ष बड़ा और गतिशील; मध्यवक्ष बहुत लघूकृत । पूर्ण कायांतरण; डिम्भक कैम्पोडियारूपी अथवा क्रॉस रूपी, बिरले ही अपादी होते हैं । कोशित अक्रियचिबुक (adecticous) वाले और अबद्ध होते हैं । उदाहरण - भृंग। | प्रतिपुष्टि |
Collembola | कोलेम्बोला | अपंखी कीट जिनके अंत:सृतहनु मुखांग (endognathus) आदंश के लिए अनुकूलित होते हैं । संयुक्त नेत्र अनुपस्थित; उदर 6 - खंडीय जिसमें प्राय: तीन जोड़ी उपांग होते हैं जैसे कि एक अधर - नलिका, के सूक्ष्म उपबंधनी (retinaculum) और एक द्विशाखी (forked) स्प्रिंग अंग । वातकतंत्र और मैलपीगी नलिकाएं नही होतीं । उदाहरण - कुंडलपुच्छ (spring - tail) । | प्रतिपुष्टि |
Colonization | उपनिवेशन | नये आवास में कीटों के समुदाय की स्थापना का प्रक्रम । यह उस कार्यक्रम को भी दर्शाता है जिसमें परजीवियों / परजीव्याभों की लाभदायक विदेशी जाति को हानिकारक पीड़क समष्टियों का दमन करने के लिए कृषि पारितंत्र में नियंत्रित ढंग से मोचित किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Comb nest | छत्ता | कुछ कीटों द्वारा उत्पादित और निर्मित कोशिकीय संरचनाएं । ये प्राय: मधुमक्खियां और बर्र अपने शाव के रहने और उसके लिए खाद्य संग्रहित करने के लिए बनाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Complete metamorphosis | पूर्ण कायांतरण | कीट परिवर्धन का एक प्रक्रम जिसमें अंडा, डिम्भक, कोशित और प्रौढ़ अवस्थाएं शामिल हैं । उदाहरण - शलभ और तितली । | प्रतिपुष्टि |
Confusant | भ्रामक | फीरोमोन या उसके अनुरूप पदार्थ । इनक उपयोग कीट संचार में बाधा उत्पन्न करके मैथुन में व्यवधान पैदा करना है । | प्रतिपुष्टि |
Corpora allata | अंडाभपिंड, कॉर्पोरा एलेटा | गुच्छिका सदृश कायों का एक जोड़ा जिसका स्टोमोडियल तंत्रिका तंत्र के साथ निकट संबंध होता है । ये काय किशोर हार्मोन या निओटोनिन का स्रवण करते हैं, जो कीटों की वृद्धि एवं परिवर्धन का नियमन करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Corpora pedunculata | कॉर्पोरा पीडंकुलेटा, वृंतक पिंड | कीटमस्तिष्कमें कोशकीय संहति जिसमें सहबन्धक तंत्रिकोशिका होती है और जिसे "उच्च केंद्रों" का स्थान समझा जाता है । यहअत्यधिकजटिल व्यवहार को नियंत्रिक करता है । इन्हें खुम्बी काय भी कहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Costa | कॉस्टा | अनुदैर्ध्य पंख शिरा जिससे सामान्यत: कीट पंख के अग्र कोर का निर्माण होता है । | प्रतिपुष्टि |
Culture | संवर्ध, संवर्धन | वह संवर्धन जो कीट अथवा जीव के पालन की आधारभूत आवश्यकतायें पूरी करता है । | प्रतिपुष्टि |
Cutaneous respiration | त्वक् श्वसन | श्वसन का ऐसा विशेष प्रकार जिसमें अनेक जलीय कीटों का वायुमंडल से सीधा संपर्क न होने और उन कीटों में किसी बाह्य उपकरण या विशेष संरचनाओं के न होने के कारण, वायु का विनिमय शरीर - भित्ति से होकर विसरण द्वारा होता है । उदाहरण - मिज डिम्भक, कैड्डिश फ्लाई डिम्भक, अंत: परजीवी आदि । | प्रतिपुष्टि |
Dayer's law | डायर नियम | इल्लियों का सिर सम्पुटक ज्यामितीय श्रेढ़ी (geometrical progression) में बढ़ता है । प्रत्येक निर्मोक के बाद सिर चौड़ाई में ऐसे अनुपात (प्राय: 1:4) में बढ़ता है जो जाति विशेष के लिये नियत होता है । कई कीटों में प्रत्येक निर्मोक के बाद होने वाली वृद्धि की दर में इस आनुभविक नियम (empirical rule) द्वारा पूर्व सूचना मिल सकती है। इस नियम से इन्स्टारों की संख्या की पूर्व सूचना नहीं मिल सकती । | प्रतिपुष्टि |
Dead heart | मृत केंद्र | प्ररोह तथा तना - भेदक कीटों के प्रकोप से नवोद्भिदों में मुख्य शाखा का सूखना अथवा बालियों के सूखने से सफेद बालियों का बनना । | प्रतिपुष्टि |
Defoliator | निष्पत्रक | ऐसे कीट जो पत्तियों या तनों के अंशों को चबाकर पौधों को अनावृत कर देते हैं । उदाहरण - पर्णभृंग, इल्लियां, कटुवा सूंडी, टिड्डा, पिस्सू भृंग आदि । | प्रतिपुष्टि |
Density dependent factor | घनत्व निर्भर कारक | कीट समष्टि की घनत्व निर्भर मर्त्यता (mortality), जो परजीवियों / परभक्षियों, रोगजनकों और स्पर्धियों जैसे जैव कारकों के द्वारा होती है । इस प्रकार की मर्त्यता परपोषी विशिष्ट जैव कारकों और अंत: जातीय स्पर्धा के कारण परपोषी के उच्च घनत्व के समय सबसे ज्यादा होती है । इस प्रकार के जैव कारक पीड़क की अधिक संख्या होने पर उसे कम कर देते हैं तथा पीड़क के घनत्व पर आश्रित होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Density independent factors | घनत्व स्वतंत्र कारक | वे घनत्व स्वतंत्र अजैविक कारक जो नाशककीट समष्टि में मर्त्यता पैदा करते हैं जिसका समष्टि के आकार या उसके घनत्व से संबंध नहीं होता । मौसम परिवर्तन, अन्य प्राकृतिक आपदाएं या मानवीय कार्यकलाप, बड़े पैमाने पर होने वाले पर्यावरणीय रूपांतरण आदि अजीवीय कारक इस प्रकार की मर्त्यता का कारण बनते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Dermaptera | डर्माप्टेरा (चर्मपंखी गण) | प्ररूपी आदंशी मुखांग वाले लम्बे कीट जिनकी जीभिका (ligula) द्विपालिक (bilobed) होती है । अग्र पंख बहुत छोटे चर्मिल प्रवार (leathery tegmina) में रूपांतरित होते हैं जिनमें शिराएं नहीं होती, पश्चपंख अर्धरधन्वाकार झिल्लीमय होते हैं जिनकी शिराएं अत्यधिक रूपांतरित और अरीयत: (radially) स्थित होती है । सामान्यतया उपंखी रूप पाए जाते हैं । गुल्फ त्रि - खंडीय, लूम (cerci) असंधित और बहुत दृढ़ीकृत (sclerotize) चिमटियों में रूपातरित होते हैं । अण्डनिक्षेपक (ovipositor) लघुकृत या नहीं भी होता । कायांतरण थोड़ा सा या बिल्कुल नही होता । उदाहरण - कर्ण कीट (ईयरविग) । | प्रतिपुष्टि |
Derris species | डैरिस जातियां | रोटीनोन के जड़ युक्त पादप स्रोत जो पहले बहुत महत्वपूर्ण माने जाते थे । रोटीनोन एक प्रकार का कीटनाशी है जो अधिकतर दक्षिण अमरीका (पेरु) की लेन्कोकॉर्पस जाति से प्राप्त किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Dictyoptera | डिक्टिओप्टेरा (जालपंखी गण) | निरवादरुप से तंतुरुपी और बहु - खंडीय श्रृंगिकाओं वाले कीट जिनके मुखांग चिबुकी (mandibulate) होते हैं । टांगें एक दूसरे के समान अथवा अग्रपाद प्रसह (raptorial); कक्षांग बड़े, गुल्फ पंच - खंडीय: अग्र - पंख लगभग मोटे प्रवार (tegmina) में रुपांतरित और सीमांत कॉस्ट शिराओं वाले होते हैं । मादाओं का अण्डनिक्षेपक लघुकृत और सातवें अधरक से छिपा रहता है: नर जननांग जटिल, असममितीय और नौंवें उदरीय अधरक द्वारा छिपा हुआ होता है जिस पर एक जोड़ी शुक (stylet) होते हैं । लूम बहुखंडीय विशिष्टीकृत घर्षणध्वनि अंग और श्रवण अंग नही होते, अण्डे अण्डकवच (ootheca) में होते हैं । उदाहरण - तिलचट्टा (कॉकरोच) और मेन्टिड । | प्रतिपुष्टि |
Diplura | डिप्ल्यूरा | अपंखी कीट जिनके मुखांग अंत: सृत हनु (entognathus) वाले होते हैं । संयुक्त नेत्र और नेत्रक नहीं होते । उदर के अंत में युग्मित लूम होते हैं । अंतस्थ मध्य तंतुक (filament) नहीं होता । मैलपीजी नलिकाएं अवशेषांग के रूप में होती है अथवा नहीं भी होती । उदाहरण - केम्पोडिया और पेराजेपिक्स जातियां । | प्रतिपुष्टि |
Diptera | डिप्टेरा (द्विपंखी गण) | एक जोड़ी झिल्लीमय पंख वाले कीट जिनके पिछले जोड़ी पंख संतोलको (halteres) में रुपांतरित (modified) होते हैं । मुखांग - चूषण वाले जो प्राय: शुंडिका (probosis) जैसे और कभी - कभी बेधन के लिए अनुकूलित होते हैं । अग्रवक्ष और पश्चवक्ष छोटे होते हैं और बड़े मध्यवक्ष से संयुक्त (fused) होते हैं। पूर्व कायांतरण (metamorphosis); डिम्भक क्रॉसरूपी और अपादी; कोशित (pupa) या तो मुक्त अथवा कठोरीकृत; डिम्भक क्यूटिकल या कोशितावरण (puparium) में बंद होता हैं । उदाहरण - यथार्थ मक्खियां । | प्रतिपुष्टि |
Diurnal | दिवाचर | दिन में सक्रिय कीट । | प्रतिपुष्टि |
Diving air store | निमज्जन वायु - संचयन | कुछ कीट जब जल सतह के नीचे डुबकी लगाते हैं, तब वे अपने साथ शरीर के किसी भाग से संलग्न वायु की एक परत या वायु काएकबुलबुला साथ ले जाते हैं । वाटर बोटमैन (कैरिक्सिडी) और बैक - स्विमर्स (नोटोनैक्टिडी) के वयस्क और अर्भक दोनों ही के शरीर की अधर सतह पर स्थित रोमों में वायु की एक परत होती है । | प्रतिपुष्टि |
Division of labour | श्रमविभाजन | यह कीट समाजों के संगठन का मूल है और इसे उनकी पारिस्थितिक सफलता के मुख्य घटकों में एक समझा जाता है । इसे दो लक्षणों से स्पष्ट करते है : 1. एक साथ विभिन्न क्रियाएं करना 2. विशिष्टीकृत व्यष्टियों के समूहों द्वारा जिन्हें उन व्यष्टियों से अधिक कुशल समझा जाता है जो विशिष्टीकृत नहीं है या दोनों के द्वारा नियत कार्य साथ - साथ करना । | प्रतिपुष्टि |
Ecdysone | एक्डाइसोन | प्रत्येक निर्मोक या उपरति (diapause) की समाप्ति के बाद अग्र वक्षीय ग्रंथियों (prothoracic glands) द्वारा स्रावित कीटनिर्मोचनहॉर्मोन, जो एक रसायन होता है और विभिन्न कायिक ऊतकों की वृद्धि, उनके परिवर्धन तथा अन्य शरीर - क्रियात्मक और आकृतिक परिवर्तनों को उद्दीप्त करता है, ताकि निर्मोचन चक्र का सतत पुनरावर्तन होता रहे । | प्रतिपुष्टि |
Ectoparasite | बाह्य परजीवी | वे कीट जो किसी प्राणी की बाहरी सतह पर परजीवी के रूप में रहते हैं । ये अधिकतर उत्तेजना या चोट पहुंचाते हैं अथवा रोगाणुओं का वहन करते हैं । उदारहण - पिस्सू, जूं और खटमल आदि। | प्रतिपुष्टि |
Egg batch | अंड समूह | मादा कीट द्वारा लगभग एक ही समय में एकल या समूह में अंडे देना। | प्रतिपुष्टि |
Egg sheet | अंड आस्तर | कागज का टुकड़ा, गत्ता, पौलिथीन या कोई अन्य कृत्रिम क्रियाधार जिस पर कीट के अंड निक्षेपित किए जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Embioptera | एम्बीओप्टेरा (चेतनपंखी गण) | रेशयी सुरंगों में रहने वाले यूथी (gregarious) कीट जिनके मुखांग आदंश के लिए अनुकूलित और जीभिका चार पालिक होती है । गुल्फ त्रि - खंडीय, अगले जोड़े का पहला खंड बहुत स्फीत (inflated), दोनों जोड़ी पंख एक जैसे और शिराएं कम सुस्पष्ट होती हैं । लूम द्वि- खंडीय और नर में प्राय:असममितीय(asymmetrial); मादाएं द्वि - अपंखी और डिम्भक रूपी । नर में कायांतरण क्रमिक लेकिन मादा में नहीं होता । उदाहरण - एम्बीया । | प्रतिपुष्टि |
Emergence | निर्गमन | वह अवस्था जिसमें वयस्क कीट कोशित आवरण अथवा अंतिम अर्भकीय त्वचा को छोड़ता है । | प्रतिपुष्टि |
Empodium | अंतरा पादक, एम्पोडियम | मध्यवर्ती पालि या कंट - रूपी प्रवर्ध जो कीटों में सामान्यत: नखराकुंचक पट्ट से गुल्फिकापूर्वीनखर के आधारों के बीच अधरत: निकलता है । | प्रतिपुष्टि |
End chamber | अंत्य कक्ष | कीट की जनद नलिका का अंडाशय (germarium) । | प्रतिपुष्टि |
Endoptery gote | अंत: पंखी | सम्पूर्ण कायांतरण वाले कीट जिनके पंख आंतरिक तौर पर परिवर्धित होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Entomogenous | कीटवर्धित | कीटों के शरीर के अंदर अथवा ऊपर वृद्धि करने वाले सूक्ष्म - जीव । | प्रतिपुष्टि |
Entomopathogenic | कीटरोगजनक | कीटों में रोग उत्पन्न करने में सक्षम जीव । | प्रतिपुष्टि |
Entomophagous | कीटभक्षी, कीटाहारी | कीटों अथवा उनके अंगों का उपभोग करन वाले प्राणी अथवा पादप । | प्रतिपुष्टि |
Entomophagy | कीटाहार | अन्य जीवों द्वारा कीटों का भक्षण । | प्रतिपुष्टि |
Entomophilic | कीट परागित | कीटों द्वारा परागित होने वाले पादप । | प्रतिपुष्टि |
Entomopox virus | कीट स्फोट विषाणु, कीट पॉक्स विषाणु | कशेरुकियों के स्फोट - विषाणु से आकृतिकसमानतारखने वाला कीट विषाणु । | प्रतिपुष्टि |
Ephemeroptera | अचिर पंखी गण, एफीमेरॉप्टेरा | मृदु - शरीर कीट जिनकी श्रृंगिकाएं छोटी, शूकमय (setaceous), मुखांग आदंशी प्रकार के तथा अवशेषी होते हैं । पंख झिल्लीमय होते हैं जो विश्रामावस्था में ऊपर की ओर उठे रहते हैं । उदर के अंत में बहुत लम्बे लूम होते हैं और प्राय: ऐसा ही पुच्छीय दीर्घण (caudal prolongation) होता है । कायांतरण अल्परुपांतरी (hemimetabolous) होता है, अर्भक जलीय और लम्बे लूम तथा मध्य पुच्छतंतुक वाले होते हैं । वातक क्लोम (tracheal gill) होते हैं । उदाहरण - मई भक्षियां (मेफ्लाई) | प्रतिपुष्टि |
Epicranial suture | अधिकपाल सीवन | कीट शिर में कपाल कापृष्ठीयY आकार का सीवन । इसमें शीर्ष का मध्य किरीटी सीवन और आनन क्षेत्र की अपसारी (divergent) ललाट सीवन सम्मिलित है । | प्रतिपुष्टि |
Epididymis | अधिवृषण | नर कीट के शुक्रवाहक का संवलित (convoluted) भाग । | प्रतिपुष्टि |
Epimere | एपीमियर | कीट के शिश्नाधार का पृष्ठ प्रवर्ध । | प्रतिपुष्टि |
Equilibrium position | संतुलन स्थिति | किसी कीट जाति का समष्टि घनत्व जो दीर्घकाल तक लगभग स्थिर बना रहकर माध्य स्तर के आस - पास घटे बढ़े । | प्रतिपुष्टि |
Eradication | उन्मूलन | किसी क्षेत्र से कीटों, खरपतवार, रोगाणुओं या अन्य पीड़कों का पूर्णत: विलोपन । | प्रतिपुष्टि |
Escape | विपलायन, पलायन | वह घटना जिसमें सुग्राही पादप, कीट के आक्रमण से बच जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Eucoiliform larva | सुकुंडलित डिम्भक | डिम्भकों का ऐसा प्रकार जिसमें तीन जोड़ी लम्बे वक्षीय उपांग और एक पुच्छ के समान लम्बा ऊद्वर्ध होता है । यह डिम्भक डिप्टेरा कीटों का परजीवी होता है । | प्रतिपुष्टि |
Evolutionary classification | विकासीय वर्गीकरण | वर्गीकरण की वह पद्धति जो जातिवृतीय (phylogenetic) शाखाओं और कीटों के वर्गकों के बीच विकासीय अपसरण (divergence) के परिमाण पर आधारित होती है । | प्रतिपुष्टि |
Exoskeleton | बहि: कंकाल | देह भित्ति की बाहरी पट्टिकाएं या कीट का खंडित बाहरी कंकाल । | प्रतिपुष्टि |
Exotic | विदेशी | विदेश से प्रविष्ट हुई किसी जीव अथवा कीट की किस्म या जाति । | प्रतिपुष्टि |
Femur | फीमर, ऊर्विका | सामान्यतया कीट की टांग का मुख्य खंड । | प्रतिपुष्टि |
Field based monitoring | क्षेत्र आधारित मॉनीटरन | किसानों को निर्णय लेने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली मॉनीटरन युक्ति जो पाशों द्वारा किट या अंडों अथवा डिम्भकों की गणना करने की विधि हो सकती है । इसका उपयोग किसी विशेष फसल, खेत अथवा क्षेत्र में स्थानिक कीट समष्टि में होने वाले परिवर्तन संबंधी आंकड़े एकत्रित करने के लिये किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Fixed position monitoring | नियत स्थान मॉनीटरन | प्राय: अनुसंधान केंद्रों में प्रयुक्त मॉनीटरन का एक प्रकार जिसमें कोई पाश उदाहरण के लिए चूषणीय या प्रकाशनीय पाश किसी खास जगह पर रखकर छोड़ दिया जाता है और जिसका प्रति वर्ष अनेक मौसमों के दौरान कीटों का नमूना लेने के लिए प्रयोग किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Flacherie | फ्लैचरी रोग | विषाणुओं द्वारा रेशम कीट में फैलने वाला रोग जिसमें संक्रमित डिम्भक सुस्त और गतिहीन हो जाता है । भयंकर रुप से ग्रसित डिम्भक की रुधिर लसीका काली हो जाती है । ऐसे डिम्भक हल्की किस्म के कोये बनाते हैं और कोशस्थ (क्रिसलिस) अवस्था में मर जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Forensic entomology | विधि कीटविज्ञान | कीट विज्ञान की वह शाखा जिसमें कानूनी विषयों के लिये, विशेषकर न्यायालय में कीटों और अन्य संधिपादों के अध्ययन का अनुप्रयोग होता है । विधि कीट विज्ञान की तीन श्रेणियां हैं : शहरी, संग्रहित उत्पाद और चिकित्सा - विधि । | प्रतिपुष्टि |
Fossorial legs | खनन पाद | कुछ कीटों के कठकीकृत नखरयुक्त अग्रपाद जो खोदने का कार्य करते हैं । उदाहरण - मोल - क्रिकेट (झींगुर) | प्रतिपुष्टि |
Frass | कीटमल | बेधक कीट के डिम्भक का मल जिसमें अन्य पदार्थ भी साथ होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Frenulum | फ्रेनुलम, प्रग्रह | शूकमय पंख - युग्मन जो अनेक लेपीडोप्टेरा कीटों की विशेषता होती है। | प्रतिपुष्टि |
Frontal suture | ललाट सीवन | कीट के सिर में चिबुकों की अग्र - संधियों की ओर श्रृंगिक - पालियों के बीच किरीटी सीवन (coronal suture) से नीचे की ओर या आगे की ओर अपसारी अधिकपालीय (epicranial) सीवन की भुजाएं । | प्रतिपुष्टि |
Fumigant | धूमक | कीटों, जीवाणुओं या कृंतकों को नष्ट करने के उद्देश्य से गैस, वाष्प, धूमक या धुंआ उत्पन्न करने वाले पदार्थो का मिश्रण । धूमक वाष्पशील द्रव तथा ठोस एवं गैसीय पदार्थो के हो सकते हैं । उनका प्रयोग भवनों के भीतरी भागों को विसंक्रमित करने के लिए होता है । | प्रतिपुष्टि |
Fumigation | धूमन | वह समयबद्ध प्रक्रम जो आविषालु - गैस की घातक सांद्रता, उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, ताकि वायु अवरुद्ध स्थान पर जीवों अथवा कीटों के ग्रसन को नष्ट किया जा सके । | प्रतिपुष्टि |
Gall | पिटिका | वरूथियों (mites), कीटों जीवाणुओं, सूत्रकृमियों, विषाणुओं, कवकों या रसायनों द्वारा उत्पन्न पादप ऊतक में वृद्धि या पिंडक (lump) या सूजन । अनेक मिज मक्खियां पिटिका उत्पन्न करती है । | प्रतिपुष्टि |
Genetic control | आनुवंशिक नियंत्रण | पीड़क नियंत्रण की एक विधि, जिसमें लक्ष्य जाति के गुणसूत्री विपथन या अन्य आनुवंशिकी अपसामान्यताओं वाले सामान्य मैथुनक्षम चुने हुए प्रभेदों (strains) का उपयोग किया जाता है । ये प्रभेद लक्ष्य समष्टि में मोचित किए जाने पर, वन्य (प्रसामान्य) कीटों के साथ मैथुन करके बन्ध्य या अल्प जीवनक्षम संतति पैदा करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Gnathal segments | हनु खंड | कीट भ्रूण के खंड जिनके उपांग चिबुक तथा पहली और दूसरी जंभिका बन जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Gonopore | जननरंध्र | नर कीट में माध्यक स्खलनीय वाहिनी का बाह्य रंध्र जो सामान्यत: अंत: शिश्न में या युग्मित निर्गम वाहिनियों के एक रंध्र में छिपा रहता है । मादा कीट पार्श्वीय अंडवाहिनियों के युग्मित आध रंध्रों में से एक रंध्र या युक्त अंडवाहिनी का सामान्य रंध्र । | प्रतिपुष्टि |
Grain protectant | धान्य रक्षक | भंडारित अनाज की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाने वाला सुरक्षित कीटनाशी ।उदाहरण - मैलाथियान । | प्रतिपुष्टि |
Granular insecticide | कणिकामय कीटनाशी | कीटनाशी का दानेदार संरुपण । | प्रतिपुष्टि |
Grylloblattodea | ग्राइलोब्लाटोडिया | अपंखी कीट जिनके नेत्र लघुकृत होते है अथवा नहीं होते । नेत्रक नहीं; श्रृंगिकाएं साधारण लंबी और तंतुरुपी; मुखांग चिबुकी; गुल्फ पांच खंडीय और अंडनिक्षेपक सुपरिवर्धित; नर जननांग असममितीय और लूम लंबे 8 - खंडीय होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Gula | गलकठक, गलक | कुछ उद्हनु (prognathous) कीटों में शिर की मध्य अधर पट्टिका जो ग्रीवा क्षेत्र के दृढ़ीकरण द्वारा निर्मित होती है और निकटस्थ रुप से पश्च मस्तिष्क छदि (post tentorial) गर्तो से सह पश्चचिबुकांग अथवा अध: चिबुकांग के साथ लगी होती है । | प्रतिपुष्टि |
Haemocoel | रक्त गुहा | 1. मध्य जनन स्तर तथा अन्य जनन स्तरों के बीच भ्रूण की रुधिर गुहिका या गुहिकाएं । 2. रक्त से भरी कीटों की शरीर गुहिका (रुधिर लसीका) जिसके अन्दर आभ्यन्तर अंग होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Haemogram | हीमोग्राम, रुधिरालेख | समय विशेष पर कीट के रुधिराणुओं की पूर्ण संख्या की गणना और विभिन्न प्रकार के रुधिराणु ओं का आकलन । | प्रतिपुष्टि |
Haemolymph | हीमोलिम्फ, रुधिर लसीका | रक्त गुहा में भरा, कीटों के रक्त का तरल भाग जो रुधिर और लसीका दोनों का कार्य करता है । इसमें आंतरिक अंग परिव्यात रहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Hatching membrane | स्फुटन झिल्ली | स्फुटन के समय शिशु कीट को लपेटे रहने वाली झिल्ली; स्फुटन के दौरान या ठीक उसके बाद भ्रूणीय निर्मोकी क्यूटिकुला । | प्रतिपुष्टि |
Hematophagous insects | रुधिरभक्षी कीट | रक्त पर अशन करने वाले कीट । | प्रतिपुष्टि |
Hemiptera | हेमिप्टेरा (अर्धपंखी गण) | सामान्यतया दो जोड़ी पंख वाले कीट जिनमें पिछले की अपेक्षा अगले जोड़े प्राय: अधिक कठोर होते हैं । होमोप्टेरा में अगला जोड़ा एकसमान जबकि हेटरोप्टेरा में ऊपरी भाग शेष पंख की अपेक्षा अधिक झिल्लीमय होता है । मुखांग वेधक और चूषक; कायांतरण आमतौर पर क्रमिक और बिरले ही पूर्ण होता है । उदाहरण - पादप मत्कुण (प्लांट बग) । | प्रतिपुष्टि |
Hemocytes | रुधिराणु | कीट की रक्त कोशिकाएं । | प्रतिपुष्टि |
Honey bee | मधुमक्खी | सामाजिक कीट, अधिकतर एपिस जातियां (एपिडी:हाइमनोप्टेरा) जो उपनिवेशों में रहती हैं और पेड़ों के ऊपर या खाली घरों में छत्ते बनाती हैं । ये बहुत लाभकारी हैं क्योंकि शहद और मोम प्रदान करती हैं तथा परागण में मदद करती हैं । इनकी सामान्य जातियां भारतीय मधुमक्खी (एपिस सेराना इंडिका), इतालवी मधुमक्खी (एपिस मिलीफेरा), छोटी मधुमक्खी (एपिस फ्लोरिया) और रॉक मधुमक्खी (एपिस डोर्सेटा) हैं । | प्रतिपुष्टि |
Honey dew | मधु - बिंदु | होमोप्टेरा गण के कुछ कीट जैसे एफिड, शल्क कीट, श्वेत मक्खी आदि द्वारा उत्सर्जित किया जाने वाला मीठा स्राव जो चींटियों को आकर्षित करता हैं और "काली फफूंदी" के पैदा होने को बढ़ावा देता है, जिससे पादप भाग काली परत से ढक जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में रुकावट आती है । | प्रतिपुष्टि |
Honey guide | मधु - निर्देशक, मधु पथदर्शक | कुछ विशेष पुष्पों की पंखुड़ियों पर बिंदियां या रेखाएं जो आगंतुक कीट (कीटों) को इन पुष्पों के मकरंद कोषों की ओर निर्देशित करती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Host crossover | परपोषी विनिमय | कीट जाति का खाद्य, आश्रय या अंडनिक्षेपण की खोज में पहले परपोषी को छोड़कर किसी अन्य परपोषी पर चले जाना । | प्रतिपुष्टि |
Host plant | परपोषी पादप | कीट को आहार एवं आश्रय देने वाला तथा अंडनिक्षेपी (ovipository) आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला पादप । | प्रतिपुष्टि |
Host specificity | परपोष विशिष्टता | यह जाति विशेष का पोषणज विशिष्टीकरण है और प्रकृति में बहुत जटिल प्रक्रम है विशेष तौर पर परजीवियों, परजीव्यामों में और कुछ एकाहारी कीटों में जो खरपतवारों के जैविक नियंत्रण में उपयोगी हैं।यह जीवन क्रियाओं की पूर्ण आवश्यकताओं की सफलतापूर्वक प्राप्ति है जिसकी इति अशन, जीवनवृत्त पूरा करने और जनन के लिए उपयुक्त परपोषी तक पहुंचना है जो अंत में जाति विशेष की संतति को बढाने के लिए भी उपयुक्त है। रक्त चूषक कीटों में जूं और पिस्सू परपोषी विशिष्ट हैं। कृषि कीटों में बैंगन का वेधक, पिंक बोल वर्म और बीजभक्षी शूट फ्लाई इसके विशिष्ट उदाहरण हैं। (सीड फ्लाई) ओफियोमिया लेन्टानी लेन्टाना खरपतवार विशिष्ट है और शल्क कीट डेक्टीपोलस इण्डीकस, नागफनी खरपतवार विशिष्ट है। | प्रतिपुष्टि |
Hymenoptera | हाइमनोप्टेरा | इस गण के कीटों में दो जोड़ी झिल्लीमय पंख; शिराविन्यास प्राय: लघुकृत; अग्र पंखों की अपेक्षा पश्चपंख छोटे और अंकुशिकाओं (hooklets) द्वारा अग्रपंखों से अंत: बद्ध (interlocked) होते हैं । मुखांग मुख्यत: आदंश और कभी - कभी लेहन (lapping) और चूषण के लिए भी अनुकूलित; उदर सामान्यत: आधारी रुप से संकीर्णित (constricted) और इसका पहला खंड प्रश्चवक्ष से संयुक्त होता है । अंड निक्षेपकहमेशाहोता है और क्रकचन (sawing) वेधन या दंशन (stinging) आमतौर पर अपादी और लगभग सुपरिवर्धित सिर वाला; कोशित अबद्ध और सामान्यतया कोया भी होता है । उदाहरण - चींटी, भक्षिका, बर्र आदि । | प्रतिपुष्टि |
Hypandrium | पुमधर | मादा कीटों में पाई जाने वाली आठवीं उरोस्थि (sternum) यदि आठवीं उरोस्थि छोटी या न हो तो सातवीं उरोस्थि को ही पुमधर कहा जाता है । नरों में प्राय: नौवीं उदरीय उरोस्थि जो जनन कक्ष तक बढ़ी होती है । | प्रतिपुष्टि |
Hyper metamorphosis | अतिकायांतरण | एक ऐसी दशा जिसमें कीट अपने परिवर्धन के दौरान दो या अधिक स्पष्टत: भिन्न डिम्भक इन्स्टरों से होकर गुजरता है । इस परिघटना के समय डिम्भकीय जीवन में नियमित रुप से विशेष परिवर्तन देखे जाते हैं। | प्रतिपुष्टि |
Hyperparasite | परात्परजीवी | वह कीट जो अन्य परजीवी कीट का अंत: परजीवी अथवा बाह्य परजीवी होता है । | प्रतिपुष्टि |
Imago | पूर्णक (पूर्ण कीट) | कीट के अंतिम निरुप (इंस्टार) की पूर्ण विकसित अवस्था । | प्रतिपुष्टि |
Immature stage | अपक्व अवस्था | कायांतरण अवधि में कीट की मध्यवर्ती अवस्थाएं जो लैंगिक रुप में विकसित नहीं होती । | प्रतिपुष्टि |
Immigration | आप्रवासन, आप्रवास | किसी कीट का एक समष्टि में चले जाना । | प्रतिपुष्टि |
Inclusion (polyhedron) insect control viruses | अंतर्विष्ट पिंड - कीट नियंत्रण विषाणु | वह संरचना जिसमें कई विषाणु कण प्रोटीन मैट्रिक्स में अंत:स्थापित होते हैं । इनका निर्माण विशेष विषाणुओं से संक्रमित कोशिकाओं में होता है । | प्रतिपुष्टि |
Incompatibility | 1. अंसगतता, 2.अनिषेच्यता | 1. दो भिन्न कीटनाशकों की, उपयोग के प्रयोजन से, मिश्रण बनाने की असमर्थता । 2. दो जीवों के युग्मकों की युग्मन और लैगिक जनन में असमर्थता । | प्रतिपुष्टि |
Inhibition system | संदमन तंत्र | कीटों में उपांगों की पेशियों के नियमन में लग तंत्रिकातंत्र को नियंत्रित करने की क्रियाविधि । मस्तिष्क अथवा अधोग्रसिका गुच्छिका से उत्पन्न अथवा दोनों से उत्पन्न आवेग अंतर्जात रूप से कार्य कर पाद पेशियों का एकांतर संकुचन और शिथिलीकरण आरंभ कर देता है, जैसे कि, जब आकोचनी पेशियां (flexor muscles) संकुचित होती हैं तो प्रसारिणी पेशियां (extensor muscles) शिथिल हो जाती हैं । यह द्विमार्गी उद्दीपन इन दो पेशियों के समुच्चयों की साथ - साथ क्रिया के लिये स्वत: संगामी होते हैं जैसे कि अकोचनियों की उत्तेजना और प्रसारिणियों (extensors) के अवरुद्धक उद्दीपन जो कि बहुत शक्तिशाली होते हैं । कीटों में यह अवरोधक क्रिया संदमन कहलाती है । | प्रतिपुष्टि |
Insect | कीट | षटपाद; कीट इनसेक्टा वर्ग और आर्थोपोडा संघ (phylum) के अंतर्गत आते हैं । शरीर खंडीकृत होकर तीन भागों सिर, वक्ष और उदर में बटा होता है । शरीर क्यूटिकल से ढका होता है । सिर में एक जोड़ी श्रृंगिका और मुखांग होते हैं जो एक जोड़ी जंभिका (कभी - कभी रुपांतरित) से बने होते हैं । वयस्कों में वक्षीय प्रदेश में तीन जोड़ी संधित पाद, दो जोड़ी पंख (कभी - कभी एक जोड़ी अथवा अनुपस्थित) तथा उदर के पिछले सिरे पर जनन रंध्र होता है। वृद्धि कायान्तरण द्वारा होती है । | प्रतिपुष्टि |
Insect control | कीट नियंत्रण | हानिकारक कीट समष्टि की रोकथाम । | प्रतिपुष्टि |
Insect growth regulators (IGR) | कीट वृद्धि नियंत्रक (आई. जी. आर.) | कीटों में वृद्धि और कायांतरण के नियंत्रण से संबद्ध प्राकृतिक और कृत्रिम रासायनिक यौगिकों की ऐसी सामान्य श्रेणी जो किशोर हार्मोनों अथवा अन्य शरीर - क्रियात्मक क्रियाओं का संदमन करती है जिससे कीट अपना सामान्य परिवर्धन चक्र पूरा नहीं कर पाता। | प्रतिपुष्टि |
Insect odour plumes | कीट गंध पिच्छक | मादा शलभों द्वारा उत्पन्न सेक्स फीरोमानों के गन्धअणु वायु की दिशा में गंध परिधि या पिच्छक बनाते हैं जो विस्तृत क्षेत्र में फैल जाती है । उसी जाति के नर शलभ इस गंध परिधि के सम्पर्क में आने पर इसकी ओर बढते हैं जिससे कि मादा से संगम कर सके । | प्रतिपुष्टि |
Insect pest spectrum | कीट पीड़क स्पेक्ट्रम | किसी विशेष फसल पर आक्रमण करने वाले नाशक कीटों का संपूर्ण परास । इसके अंतर्गत मुख्य और गौण कीट आते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Insect rearing management | कीटपालन प्रबंधन | अनुसंधान आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानक गुणता वाले कीटों के उत्पादन के लिए संसाधनों का कुशल उपयोग । | प्रतिपुष्टि |
Insectary | कीटशाला | कीटविज्ञान के विभिन्न पक्षों का अध्ययन करने के लिए कीटों के पालन और प्रजनन का स्थान । | प्रतिपुष्टि |
Insecticide | कीटनाशी | रासायनिक पदार्थ या पदार्थो का मिश्रण जिसका हानिकारक कीटों को रोकने या नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Insectivorous | कीटभक्षी | कीटों का भक्षण करने वाले प्राणि अथवा पादप । | प्रतिपुष्टि |
Insectorium | कीटालय | प्रयोगशाला जिसमें भविष्य में अध्ययन करने के प्रयोजन से बड़ी संख्या में कीटों का प्रजनन किया जाता है और पाला जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Instar | निरुप (निर्मोकरुप) | दो उत्तरोत्तर निर्मोकों के बीच की अवस्था के दौरान कीट द्वारा अपनाया गया रुप । | प्रतिपुष्टि |
Integrated control | एकीकृत नियंत्रण, समाकलित नियंत्रण | कीट संख्या को आर्थिक क्षतिस्तर से नीचे रखने के लिए पारिस्थितिकी पर आधारित कीट नियंत्रण की एक पद्धति जिसमें कीट नियंत्रण की अनेक संगत तकनीकों का उपयोग किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Inundative release | आप्लावी मोचन | जैव - कारकों के आवर्ती प्रवेशन की वह पद्धति जो कीटनाशी उपचार के सदृश है । | प्रतिपुष्टि |
Irideseent virus | रंगदीप्त विषाणु | कीट का एक अन् - अधिविष्ट विषाणु जिसके विशिष्ट अभिलक्षण उसके ऐसे आकर्षक प्रकाशकीय गुण - धर्म हैं जो ब्रैग परावर्तन से उत्पन्न होते हैं और विषाणु कणों की शोधित प्रपट्टिकाओं को दूधिया रूप देते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Isoptera | आइसोप्टेरा (समान पंखी) | अनेक अपंखी, बंध्य सैनिकों और श्रमिकों सहित जनन - रुपों से गठित बड़े - बड़े समुदायों में रहने वाले सामाजिक और बहुरुपी (polymorphic) कीट । मुखांग प्ररुपी आदंशी; जीभिका 4 पालिक; पंख एक दूसरे से बहुत मिलते - जुलते, लम्बे और झिल्लीमय जो विश्रामावस्था में पृष्ठ पर सपाट अध्यारोपित (superposed) होते हैं और जिन्हें आधारी विभंगों (basal fractures) द्वारा गिराया जा सकता है । अग्रशिराएं बहुत दृढीकृत (sclerotized); गुल्फ 4-खंडीय; लूम बड़े अथवा बहुत छोटे; दोनों लिंगों में जननांग आमतौर पर नहीं अथवा अवशेषी होते हैं । कायांतरण थोड़ा सा अथवा नही भी होता । उदाहरण - दीमक । | प्रतिपुष्टि |
Johnston's organ | जौन्स्टन अंग | श्रृंगिका में उपस्थित अत्यधिक विशिष्टीकृत ध्वनिग्राही अंग। यह अधिकतर पंखयुक्त कीटों के दूसरे श्रृंगिक खंड में स्थित होता है और इसमें अरीय रुप में स्थित अनेक संवेदिकाएं (sensillae) होती है । | प्रतिपुष्टि |
Juvenile hormone | किशोर हॉर्मोन | एलाटा पिंड (corpora allata) द्वारा उत्पादित तीन प्रमुख कीट परिवर्धन हॉर्मोनों में एक जो निर्मोक (moult) के प्ररुप को निर्धारित करता है । | प्रतिपुष्टि |
Key factor | प्रमुख कारक | पर्यावरण के संदर्भ में प्रमुख परिवर्तनशील कारक जो कीटों के समष्टि घनत्व से निकट रूप से जुड़ा होता है । समष्टि घनत्व में इन परिवर्तनों को कीटों की संख्या की भावी प्रवृत्तियों के पूर्वानुमान के लिए उपयोग करके सतत मानीटरन (monitoring) द्वारा मापा जा सकता है । | प्रतिपुष्टि |
Key pest | प्रमुख पीड़क | सदैव क्रांतिक रुप में दीर्घ स्थायी रहने वाली कीट जाति जो नियंत्रण पद्धतियों को प्रभावित करती है और जिसका समष्टि घनत्व (population density) मानव हस्तक्षेप के अभाव में आर्थिक क्षति स्तर (economic injury level) को पार कर जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Labial palp | अधरोष्ठ स्पर्शक | कीट के एक जोड़ी खंडीय संवेदी अंग या अधरोष्ठ पर स्थित संस्पर्शक (feeder) । | प्रतिपुष्टि |
Labium | अधरोष्ठ, लेबियम | कीट - शीर्ष का पश्च - मध्य - उपांग जो द्वितीय जंभिकाओं के मिलने से बनता है । | प्रतिपुष्टि |
Lac | लाख, लाक्षा | लाख कीट, केरिया लाक्का और संबंद्ध जातियों (लैक्कीफेरिडी : होमोप्टेरा) द्वारा स्रावित राल । | प्रतिपुष्टि |
Lacerate | दीर्ण | कीट द्वारा पर्णशीर्ष के किनारों पर बनाए गए अनियमित गहरे कटाव। | प्रतिपुष्टि |
Lancet | लेन्सेट | कीटों का प्रथम प्रकठक जो बल्ब ओर शूकिका के निचले सीमातों पर सरकता है । | प्रतिपुष्टि |
Larva | लारवा, डिम्भ, डिम्भक | पूर्ण रुपांतरणीय अप्रौढ़ अवस्था का स्वतंत्र कीट, जो संरचना तथा स्वभाव में वयस्कों से भिन्न होता है (जैसे - इल्लियां, अपादक और भृंगक आदि) । | प्रतिपुष्टि |
Larvarium | डिम्भशाला | कीट डिम्भक द्वारा बनाया गया नीड़ अथवा आश्रय - स्थल जो कभी - कभी एक रेशमी झूले अथवा नलिका के समान हो सकता है । यह पत्तियों के टुकड़ों, चीड़ की पतली पत्तियों, मृदा - कणों आदि को आपस में बुनकर बनाया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Larvicide | डिम्भकनाशी | ऐसा कीटनाशी रसायन जो डिम्भकों को मारने के लिए काम में लाया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Leaf hopper | पर्ण फुदका | होमोप्टेरा - गण के पादप चूषक कीट जो सिकेडिलिडी अथवा जैसिडी कुल के अंतर्गत आते हैं । ये छोटे पर लम्बे फुदकने वाले कीट पादपों में अनेक विषाणु और कवक रोग फैलाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Leaf miners | पर्ण सुरंगक | ऐसे कीट जो अधिचर्म स्तरों के बीच सुरंग बना लेते हैं । उदाहरण - धब्बेदार पर्ण - सुरंगक, सर्पिल - पर्ण - सुरंगक । | प्रतिपुष्टि |
Leaf roller | पर्ण लपेटक | वे कीट जिनके डिम्भक पत्तियों को आपस में लपेटकर नीड़ बनाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Lepidoptera | लेपिडॉप्टेरा (शल्कपंखी गण) | दो जोड़ी झिल्लीमय पंख वाले कीट जिनके पंखों में अनुप्रस्थ शिराएं बहुत कम होती हैं । शरीर, पंख और उपांग चौड़े शल्कों (scales) से ढके हुए; चिबुक अवशेषी या अनुपस्थित और प्राय: जंभिकाओं (maxillae) से बनी चूषक शुंडिका (proboscis) द्वारा निरुपित होते हैं । डिम्भक क्रॉसरुपी, प्राय: आठ जोड़ी टांगों वाला, कोशित आमतौर पर लगभग अबद्ध और सामान्यत: कोया (cocoon) या मृद - कोशिका (earthen cell) में बंद, पंख में पूर्ण वातकन्यास (tracheation) उदाहरण - तितलियां और शलभ (मॉथ) । | प्रतिपुष्टि |
Lethal dose | घातक मात्रा | रसायन की वह मात्रा जो आविषालु पदार्थ के मि. ली. ग्राम (mg.) में परीक्षण - कीट के शारीरिक भार के प्रति किलोग्राम (kg.) की दर से मापी जाती है । | प्रतिपुष्टि |
Life table | वय सारणी | किसी कीट समष्टि के प्रमुख मर्त्यता - कारकों सहित उसके जन्म - मरण आंकड़ों का संक्षिप्त सार । | प्रतिपुष्टि |
Light trap | प्रकाश पाश, प्रकाश प्रपंच | प्रकाशानुवर्ती कीटों को आकृष्ट करने के लिए उपयोग में लायी जाने वाली एक यांत्रिक युक्ति जिसमें प्रकाश को आकर्षक स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Louse | यूका, जूं | ऐनोप्लूरा (साइफनकुलेटा) और मैलोफेगा नामक गणों से संबंधित रुधिर चूषक, पक्षहीन, बाह्य परजीवी कीट । ऐनोप्लूरा में वेधन और चूषण मुखांग तथा मैलोफेगा में आदंश मुखांग मिलते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Lunate | नवचंद्राकार | कीट की बाल - चंद्राकार या अर्धचंद्राकार रुधिर कोशिका (रुधिराणु) । | प्रतिपुष्टि |
Lure | प्रलोभक | कीटों को आहार, मैथुन / अंड निक्षेपण - स्थल और समुच्ययन के लिए निर्देशित करने वाली क्रियाविधि जो विशिष्ट रासायनिक - पदार्थो के द्वारा संचालित होती है । उदाहरण - मैथिल यूजिनोल, फूलों की गंध, कार्बन डाईऑक्साइड, लेक्टिक अम्ल, शर्करा और प्रोपियोनाइट्राइड आदि । | प्रतिपुष्टि |
Macropteurous | दीर्घपंखी | वे कीट जिनके अग्रपंख असामान्य रुप से बड़े होते हैं तथा जो पूरे उदर को ढके रहते हैं, कभी - कभी उसके पीछे तक भी चले जाते हैं । उदाहरण - दीमक आदि । | प्रतिपुष्टि |
Mallophaga | मैलोफेगा | अपंखी कीट जो मुख्यत: पक्षियों और कभी कभार स्तनियों पर बाह्य परजीवी के रूप में रहते हैं । नेत्र लघुकृत (reduced) और नेत्रक (ocelli) नहीं होते । मुखांग रुपांतरित आदंशी प्रकार के, अग्रवक्ष सुस्पष्ट और मुक्त (अयुक्त), गुल्फ (tarsi) एक या दो खंडीय जिनके अंत में एक या दो नखर (claws) होते हैं । वक्षीय श्वासरंध्र, अधरीय (ventral) लूम नहीं होते तथा कायांतरण नहीं होता । उदाहरण - आदंशी जूंएं या पक्षी जूंएं । | प्रतिपुष्टि |
Malpighian tubules | मैलपीगी नलिकाएं | उत्सर्जन नलिकाएं जो कीट के गुदपथ अथवा अग्रांत के अगले सिरे में जाकर खुलती हैं । ये नलिकाएं उनके आविष्कर्ता मैलपीगी के नाम से जानी जाती है । | प्रतिपुष्टि |
Mandible | चिबुक | कीट शीर्ष में चर्वक क्षेत्र के उपांगों का पहला जोड़ा जो सामान्यीकृत रूप में आदंश हनु के समान होता है । | प्रतिपुष्टि |
Mandibular gland | चिबुक ग्रंथि | प्राय: कीटों के मुख में चिबुक के मूल में स्थित ग्रंथि - युगल । | प्रतिपुष्टि |
Mantis | मैन्टिल | डिक्टियोप्टेरा गण के मध्यम या बृहदाकार परभक्षी कीट । ये मैंटोडिया उपगण के अंतर्गत आते हैं । इनकी श्रृंगिकाएं तंतुरूप और कई खंड वाली होती हैं । इनका शिरोभाग प्रवक्ष पृष्ठक से ढका हुआ नहीं होता, मुखभाग चिबुकित होते हैं । इनके अग्रपादों में काफी बड़े प्रसह होते हैं जो शिकार को पकड़ने के अनुकूल होते है और जिन्हें आसानी से पीछे की ओर मोड़ा जा सकता है । उदाहरण - प्रेइंग मैन्टिस । | प्रतिपुष्टि |
Mating (coupulation) | संगम (मैथुन) | लैंगिक जनन के दौरान एक क्रिया जिसमें नर कीट अपने शुक्राणुओं को मादा के जननांग पथ में अंतरित कर देता है । इस कार्य को सुगम बनाने के लिए नर में सामान्यत: आलिंगकों और युग्मन - प्रवर्धी के रूप में विशिष्ट संरचनाएं होती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Maxilla | जंभिका | कीट शीर्ष के चर्वक क्षेत्र में उपांगों का दूसरा जोड़ा । | प्रतिपुष्टि |
Maxillary palp | जंभिका स्पर्शक | 1. कीटों की जंभिका का सर्वाधिक सुस्पष्ट उपांग जोकि पैल्पिफर से संलग्न होता है । 2. चर्वण प्रकार के मुखांगों वाले कीटों की जंभिका का बाह्य पार्श्व - कठक । | प्रतिपुष्टि |
May fly | अल्पायु मक्खी | मृदुकायसपंखी कीट जो एफीमेरोप्टेरा गण मे आता है । | प्रतिपुष्टि |
Mecoptera | मेकोप्टेरा | पतले, साधारण या छोटे आकार के सामान्यत: मांसाहारी कीट जिनकी श्रृंगिकाएं लम्बी और तंतुरुपी तथा शिर प्राय: उदग्रत: विक्षेपित तुंड (vertically deflectedrostrum) के रूप में होता है । मुखांग आदंशी जीभिका (ligula) नहीं होती । टांगें लम्बी और पतली, पंख एक जैसे और झिल्लीमय जो विश्रामवस्था में अनुदैर्ध्यत: (longitudinally) और क्षतिजत: (horizontally) रहते हैं, शिराविन्यास आद्य । उदर लम्बा और छोटे लूमों (cerci) वाला होता है । नर जननांग सुस्पष्ट । डिम्भक क्रॉसरुपी; अदंशी मुखांग और तीन जोड़ी वक्ष - पाद वाले, कोशित अबद्ध (exarate) पंख लघुकृत वातकन्यास वाले । उदाहरण - वृश्चिक भक्षिकाएं (scorpion flies) । | प्रतिपुष्टि |
Mealy bug | चूर्णी मत्कुण | होमोप्टेरा गण के कुल कॉक्सिडी में आने वाला छोटे आकार का कीट जो लैगिक दृष्टि से द्विरूपी होता है । यह फलों का प्रमुख पीड़क कीट है । | प्रतिपुष्टि |
Medial cell | मध्यवर्वी कोशिका | कीट पंख की 'R' (अरीय) और "M" (मध्य) शिराओं के बीच घिरा क्षेत्र । | प्रतिपुष्टि |
Medicolegal forensic entomology | चिकित्सा विधिक कीट विज्ञान | कीट विज्ञान की वह शाखा जिसका संबंध आसपास की महापराधी घटनाओं प्राय: हिंसापूर्ण अपराधों जैसे हत्या, आत्महत्या और बलात्कार में संधिपादों के शामिल होने से है । इसके अंतर्गत दूसरे उग्र शारीरिक दुर्व्यवहार और निषिद्ध अवैध व्यापार भी सम्मिलित है । | प्रतिपुष्टि |
Melanin | मेलानिन | अनेक कीटों की क्यूटिकल में पाया जाने वाला रवाहीन काला अथवा गहरा भूरा वर्णक । | प्रतिपुष्टि |
Mesonotum | मध्यवक्ष पृष्ठक | कीट वक्ष की मध्य पृष्ठकीय (tergal) पट्टिका जिससे पंखों का पहला जोड़ा लगा रहता है । उदाहरण - सपक्ष (pterygote) कीट । | प्रतिपुष्टि |
Mesopleuron | मध्यपार्श्वक | सपक्ष कीटों का मध्यवक्षीय पार्श्वपृष्ठकांश(tergite) इस पर उपस्थित कक्षांग गुहिका से मध्यवक्षीय टांग लगी होती है । | प्रतिपुष्टि |
Mesotergum | मध्यपृष्ठक | कीटों का मध्यवक्षीय पृष्ठक जिस पर पंखों की पहली जोड़ी स्थित होती है । | प्रतिपुष्टि |
Mesothorax | मध्यवक्ष | पक्षीय कीटों में वक्ष का द्वितीय खंड जिस पर पंखों की पहली जोड़ी लगी होती है । | प्रतिपुष्टि |
Metabola | कायांतरज | कीटों में कायान्तरण (जीवन अवस्थाओं के परिवर्तन) का प्रक्रम । | प्रतिपुष्टि |
Metabolic water | उपापचयी जल | उपापचय की अवधि में भोजन के ऑक्सीकरण से उत्पन्न होने वाला जल। संग्रहितअनाजके कीट और रेगिस्तान के कीट अपनी पानी की आवश्यकता की पूर्ति इसी स्त्रोत से करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Metabolous | कायांतरी | कीटों मे एक प्रकार का परिवर्धन जिसमें कायांतरण शामिल है । यह दो प्रकार का होता है : अल्प कायांतरी, जिसमें अंडा, अर्भक और वयस्क होते हैं और पूर्णकायांतरी जिसमें अंडा, डिम्भक, कोशित (pupa) और वयस्क होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Metamorphosis | कायांतरण | कीट में अंड से वयस्क अवस्था तक रूप और संरचना में होने वाले सुस्पष्ट परिवर्तन अर्थात् भ्रूणोत्तर वृद्धि । | प्रतिपुष्टि |
Metanotum (metatergum) | पश्चवक्ष पृष्ठक (पश्च पृष्ठक) | कीट के तृतीय वक्ष खंड (पश्चवक्ष) का पृष्ठीय क्यूटिकली आवरण (वक्ष पृष्ठक) या पश्चवक्ष की पृष्ठक पट्टिका (टरगल प्लेट) अथवा कठक (स्क्लेराइट) । | प्रतिपुष्टि |
Metapneustic | पश्च रंध्री | कीट का ऐसा श्वसन तंत्र जो विशेषत: कुछ द्विपंखी (डिप्टेरा) डिम्भकों में मिलता है जिसमें केवल अन्तिम उदरीय श्वसन रंध्र युगल ही प्रकार्यात्मक होता है । | प्रतिपुष्टि |
Metaspiracle | पश्चश्वास रंध्र | कीट के पश्चवक्षीय खंड का श्वास रंध्र । | प्रतिपुष्टि |
Metatarsus | मेटाटार्सस, प्रपद | कीट की टाँग के प्रथम आधार गुल्फ का पहला खंड । | प्रतिपुष्टि |
Metatergum | पश्च पृष्ठक | कीट के पश्चवक्ष को ढकनेवाली पृष्ठीय क्यूटिक्यूलीय पट्टिका । | प्रतिपुष्टि |
Microbial control | सूक्ष्म जैविक नियंत्रण, रोगाणु नियंत्रण, रोगाणवीय नियंत्रण | सूक्ष्मजीवों (रोगाणुओं) के प्रयोग से कीटों का नियंत्रण । रोगाणु अपना नियंत्रणकारी प्रभाव आक्रमक गुणधर्मो, आविषों, एन्जाइमों तथा अन्य पदार्थो द्वारा उत्पन्न करता है । | प्रतिपुष्टि |
Microbial insecticide | सूक्ष्मजैविक कीटनाशी, रोगाणुक कीटनाशी, रोगाणवीय कीटनाशी | रोगजनक सूक्ष्म जीव अथवा उस से उत्पन्न आविष जो किसी कीट समष्टि के नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Microfauna | सूक्ष्मप्राणिजात | वे सूक्ष्मप्राणी जो सामान्यतया प्रथम परपोषित हैं । उदाहरण - प्रोटोजोआ, अनेक प्राणिप्लवक (zooplankton), छोटे कीट, डिम्भक क्रस्टेशिया आदि । | प्रतिपुष्टि |
Mimic | अनुहारक | वह विकासात्मक प्रक्रम जिसके फलस्वरुप कीट अथवा प्राणि परभक्षियों से बचने के लिए पर्यावरण के अनुसार अपना बाह्यस्वरूप बदल लेता है । | प्रतिपुष्टि |
Miner | पर्ण सुंरगक | पादप पत्तियों में सुरंग बनाने वाले कीट । | प्रतिपुष्टि |
Misnomer | मिथ्यानाम | जीवों का गलत नामकरण जिससे इनको समझने में गलती हो सकती है । जैसे दीपभक्षी (lantem fly), कर्ण कीट (ear wigs), मखमली बर्र (valvet ant) 1. दीपभक्षी (lantern fly) : फल्गोरिडी कुल के चूषण मुखांग वाले मत्कुण (बग) । भूल से ऐसा समझ लिया जाता है कि ये लालटेन की तरह चमकते हैं । 2. कर्ण कीट (ear wigs) : डर्माप्टेरा गण के सर्वभक्षी आदंश कीट । ऐसा अंधविश्वास है कि ये मनुष्यों के कानों पर आक्रमण करते हैं, इसलिए इन्हें यह 'मिथ्या नाम' दिया गया है । 3. मखमली बर्र (valvet ant) : इन्हें मखमली चीटियों का नाम दिया जाता है, तथापि ये चीटियां नहीं है, बल्कि हाइमनोप्टेरा गण की परभक्षी बर्रें हैं । ये भूमि में रहती हैं और इनका डंक पीड़ादायक होता है । 1. दीपभक्षी (lantern fly) : फल्गोरिडी कुल के चूषण मुखांग वाले मत्कुण (बग) । भूल से ऐसा समझ लिया जाता है कि ये लालटेन की तरह चमकते हैं । 2. कर्ण कीट (ear wigs) : डर्माप्टेरा गण के सर्वभक्षी आदंश कीट । ऐसा अंधविश्वास है कि ये मनुष्यों के कानों पर आक्रमण करते हैं, इसलिए इन्हें यह 'मिथ्या नाम' दिया गया है । 3. मखमली बर्र (valvet ant) : इन्हें मखमली चीटियों का नाम दिया जाता है, तथापि ये चीटियां नहीं है, बल्कि हाइमनोप्टेरा गण की परभक्षी बर्रें हैं । ये भूमि में रहती हैं और इनका डंक पीड़ादायक होता है । | प्रतिपुष्टि |
Mole cricket | छछुन्द, झिंगुर | ऑर्थोप्टेरा गण के कुल ग्राइलोटैल्पिडी का वह कीट जिसका शरीर भूरा और चपटा होता है । इसके अग्रपाद चपटे, अत्यधिक बढ़े हुएतथादांत खोदने में सहायक होते हैं । ये भूमि में बिल बनाते हैं और पादपों की कोमलजड़ेखाते हैं । उदाहरण - ग्राइलोटाल्पा जाति । | प्रतिपुष्टि |
Monitoring | मॉनीटरन, मॉनीटरिंग | कीटों के प्रादुर्भाव का पूर्वानुमान लगाने में आवश्यक परिवर्तो के मापन का एक प्रक्रम । ऐसा पूर्वानुमान कीट प्रबंधन युक्तियों का एक महत्वपूर्ण घटक होता है क्योंकि कीट - आक्रमण के सही समय और उसके विस्तार के बारे में दी गई चेतावनी नियंत्रण उपायों की दक्षता को बढ़ा सकती है । | प्रतिपुष्टि |
Moribund | मृतप्राय:, मरणासन्न | कीटनाशी की आविषालुता के कारण कीटों का लगभग मृतकवत् हो जाना । | प्रतिपुष्टि |
Morphometry | आकारमिति | कीटों के अंगों के मानक मापकों का अध्ययन । जैसे पक्षवर्णो की लम्बाई (ई), पश्च उर्विका की लम्बाई (एफ), शिर की अधिकतम चौड़ाई (सी), मरु टिड्डियों की प्रावस्थाओं का निर्धारण ई / एफ और एफ / सी के अनुपात में किया जाता है । यह अध्ययन वर्गीय विश्लेषण, आकारिकीय संरचनाओं और उनके उपांगों के वर्णन में भी लाभदायक है । | प्रतिपुष्टि |
Mortality | मर्त्यता, मृत्युदर | किसी कीट समष्टि में मृत्यु का अनुपात । | प्रतिपुष्टि |
Mortality rate | मृत्यु दर | किसी नियत अवधि के दौरान परीक्षण - कीट की प्रति इकाई मृत्यु संख्या जिसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Moth | शलभ (मॉथ) | मुख्यत: रात को उड़ने वाले लेपिडॉप्टेरा गण के कीट; जिनका शरीर बड़ा औरपुष्टहोता है । इनके पंख अपेक्षाकृत छोटे तथा विराम की स्थिति में शरीर पर क्षेतिज रूप में छत सी बनाते हैं अथवा उसे ढके रखते हैं । इनकी श्रृंगिकाएं तन्तुक अथवा पंख के समान हो सकती है, परन्तु सिरों पर यदा - कदा ही विवर्धित होती है । | प्रतिपुष्टि |
Muga culture | मूंगा संवर्धन | मूगा रेशम कीट का पालन पोषण । मूगा रेशम का उत्पादन ऐन्थीरिया आसमा वेस्टवुड (सेटुरनिडी : लेपिडॉप्टेरा) नामक रेशम कीट द्वारा होता है । यह कीट जाति ब्रह्मपुत्र घाटी और आस - पास की पहाडियों में विशेष क्षेत्री कीट के रुप में पायी जाती है । | प्रतिपुष्टि |
Mycetome | विपुंज, माइसीटोम | कोलियोप्टेरा ओर हेमीप्टेरा गण के अनेक कीटों में पूर्ण विकसित परिवर्ती रूप और आकार के माइसीटोसाइटों से बने अंग । माइसीटोसाइटों में विभिन्न रुपों के दो या उससे अधिक सूक्ष्मजीव, जैसे - यीस्ट, जीवाणु, प्रोटोजोआ होते हैं, जो अपने परपोषियों को जल में घुलनशील विटामिनों अथवा ऐमीनों - अम्लों की आपूर्ति करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Naid | जलार्मक, नायड | जलीय हेमीमेटाबोला कीट का अपरिपक्व इन्स्टार । उदाहरण - ओडोनेटा, एफीमेरोप्टेरा आदि कीटों के जलीय डिम्भक । | प्रतिपुष्टि |
Natural control | प्राकृतिक नियंत्रण | जैविक और अजैविक कारकों की सामूहिक क्रिया द्वारा किसी नाशक कीट समष्टि के घनत्व को अवधि विशेष के दौरान वहन क्षमता की सीमाओं के भीतर बनाए रखना । | प्रतिपुष्टि |
Necrophage | मृतभक्षी | वे कीट जातियां जो शव के ऊतकों पर अशन करती हैं । इसके अन्तर्गत डिप्टेरा (विशेषकर केलिफोरिड और सारकोफेजिड) तथा कोलियोप्टेरा (सिलफिड और डरमेस्टिड) गण आते हैं । इन कीटों के आयु निर्धारण से शव - परीक्षा अन्तराल का पता चलता है । | प्रतिपुष्टि |
Neontology | नवजीव विज्ञान | विज्ञान की वह शाखा, जो जीवधारियों (कीट सहित) की विविधता से संबंधित हैं । | प्रतिपुष्टि |
Neuroptera | न्यूरोप्टेरा | छोटे से लेकर बड़े आकार के मृदु - शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकाएं प्राय: लंबी होती हैं । मुखांग आदंश के लिए अनुकूलित, जीभिका अविभाजित अथवा द्विपालिक अथवा प्राय: क्षीण । एक जैसे दो जोड़ी झिल्लीमय पंख जो विश्राम के समय सामान्यत: उदर पर छत जैसी स्थिति में रहते हैं । शिराविन्यास आद्य लेकिन अनेक सहायक शिराएं । उदर लूम रहित । डिम्भक मांसाहारी, रूपांतरित कैमपोडियारूपी जिसके मुखांग आदंशी या चूषकीय होते हैं, जलीय रूपों में प्राय: उदरीय क्लोम होते हैं । कोशित अबद्धपंखों में पूर्ण वातकन्यास (tracheation) उदाहरण - पौरमक्षी (alder fly), पिपीलिका सिंह (ant lion), जालपंख (lacewing) और सर्पाभ भक्षी (snake fly) । | प्रतिपुष्टि |
Non - preference | अवरीयता | कीटों की उस पादप के प्रति नकारात्मक अनुक्रिया, जिसमें परपोषी बनने के अभिलक्षण नहीं होते है । | प्रतिपुष्टि |
Nuptial flight | कामद उड़ान | सपंख कीटों का मैथुन के लिए अपने उपयुक्त साथी की खोज मे उड़ना। उदाहरण - दीमक, मधुमक्खी आदि । | प्रतिपुष्टि |
Nymph | अर्भक | डिम्भकहीन अवस्था वाले कीटों के परिवर्धन के दौरान अंडे और वयस्क कीट के बीच की अवस्था । यह अवस्था वयस्क कीट की भांति होती है लेकिन इसमें पंख और जननेद्रियां पूरी तरह परिवर्धित नही होते । उदाहरण - तिलचट्टा, टिड्डा, ऐफिड और दीमक आदि । | प्रतिपुष्टि |
Odonata | ओडोनेटा | परभक्षी कीट जिनके मुखांग आदंशी होते हैं । दो जोड़ी समान या तुल्यप्राय (sub - equal) लम्बे झिल्लीसम पंख जिनपर प्राय: सुस्पष्ट पक्षबिंदु (stigma) होता है । आंखें बहुत बड़ी और सुव्यक्त होती हैं । दूसरे और तीसरे उदरीय अधरकों (sterna) पर सुपरिवर्धित नर सहायक मैथुनांग (accessory genital armature) होते हैं । अर्भक (nymph) अल्परुपांतरी तथा श्वसन मलाशयी (fecal) या पुच्छ - क्लोमों (caudal gills) द्वारा होता है । उदाहरण - व्याध पतंग (ड्रेगन फ्लाई) । | प्रतिपुष्टि |
Oligoneoptera | आलिगोनियोप्टेरा | होलोमेटाबोला और अंत: पंखी कीट जो बैठते समय अपने पंख मोड़ लेते हैं और इनमें कुछ मैलपिजी नलिकाएं होती हैं । ये कीट न्यूरोप्टेरा, साइफनोप्टेरा, कोलियोप्टेरा और हाइमेनोप्टेरा गणों के अंतर्गत आते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Omnivorous | सर्वाहारी, सर्वभक्षी | पादपों और प्राणियों को खाने वाला जीव; अथवा वे कीट जातियां जैसे चीटी, बर्र और कुच भृंग जो मृतक और उससे संबद्ध प्राणिजात पर अशन करती हैं । इन जातियों की बहुत बड़ी संख्या मृतभक्षी जातियों की संख्या को कम करके मृतशरीर के विघटन की दर को मंद कर देती है । | प्रतिपुष्टि |
Organochlorine | ऑर्गेनोक्लोरीन, कार्ब - क्लोरीन | क्लोरीनित हाइड्रोकार्बन कीटनाशी जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन और क्लोरीन मूल आण्विक अवयव होते हैं । कुछ में ऑक्सीजन और गंधक भी हो सकते हैं । उदाहरण - ऐल्ड्रीन, डी.डी.टी., ऐण्डोसल्फान । | प्रतिपुष्टि |
Orthoptera | ऑर्थोप्टेरा (ऋजुपंखी गण) | सामान्यत: मध्यम या बड़े आकार के सपंखी, लघुपंखी या अपंखी कीट जिनके मुखांग चिबुकी, अग्रवक्ष बड़ा; पश्चपाद साधारणत: दीर्घित और कूदने के लिए रूपांतरित तथा अग्रपंख मोटे और उपसीमांत कॉस्टा (शिरा) वाले होते हैं । मादा में अंड निक्षेपक सामान्यत: सुपरिवर्धित; नर बाह्य जननांग असममित, लूम प्राय: छोटे और खंडहीन; विशिष्टीकृत श्रवण अंग और घर्षणध्वनि अंग प्राय:परिवर्धितहोते हैं । कायांतरण प्राय: थोड़ा उदाहरण - टिड्डा, टिड्डी, झींगुर आदि । | प्रतिपुष्टि |
Ostium bursae | आस्य प्रपुटी | शल्कपंखी कीटों (lepidoptera) में पाया जाने वाला मैथुन प्रपुटी (bursa copulatrix) का मुख । यह उन मादा कीटों में भग के समान है जिनका जनन - रंध्र आठवें खंड में होता है । | प्रतिपुष्टि |
Oviporus | ओवीपोरस | अधिकांश शल्कपंखी (लेपिडॉप्टेरा) कीटों में योनि का पश्चमुख जिसका कार्य केवल अण्ड - विसर्जन है, विशेषकर उस समय जब दो जनन रंध्र (genital apperture) हों । | प्रतिपुष्टि |
Ovipositior | अण्डनिक्षेपक | आठवें और नवें उदरीय खंडों के जनन पादों से बना अंडे देने वाला अंग । प्रकार्यात्मक दृष्टि से कुछ कीटों की अंड निक्षेपी नलिका को भी अण्डनिक्षेपक कहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Paleoentomology | पुराकीटविज्ञान | विज्ञान की वह शाखा जिसमें विलुप्त कीटों अध्ययन किया जाता है । इसमें कीट - जीवाश्मों (tinsect - fossils) का अध्ययन शामिल है । | प्रतिपुष्टि |
Paranotum | परावक्ष पृष्ठक | युग्मित, पार्श्विक विस्तारों अथवा वक्षपृष्ठकों या पृष्ठकों में से एक जो कीटों के विकास के दौरान परावक्ष पृष्ठक पंखों में विकसित माना जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Parasite | परजीवी | अपने से बड़े प्राणी या पादप में या उसके ऊपर रहने और अशन (feed) करने वाली प्राणी जातियां जो परपोषी को प्राय: नष्ट कर देती हैं। परिपक्व होने के लिए परजीवी को एक परपोषी या उसके किसी भाग की आवश्यकता होती है । कीट के संबंध में परजीवी कीट किसी अन्य जाति के कीट अथवा उसकी अपरिपक्व अवस्था के भीतर रहकर तथा अशन करके उसे नष्ट कर देता है । उदाहरण - ट्राइकोग्राम जातियां और एपैन्टेलीज फ्लेवीपेस । | प्रतिपुष्टि |
Pathosystem | रोग - तंत्र | परजीविता के घटना क्रम से परिभाषित एक पारिस्थितिकीय तंत्र । एक पादप - रोग - तंत्र के अंतर्गत एक या अधिक परपोषी पादप जाति और विविध परजीवी - कीट, कवक, जीवाणु आदि आते हैं, जो परपोषी का लाभ उठाते हैं । शाकाहारी पक्षी तथा स्तनपायी सामान्यतया परजीवी वर्ग में नहीं आते । | प्रतिपुष्टि |
Pebrine disease | पेब्राइन रोग | रेशम कीट का भयंकर रोग जो माइक्रोस्पोरीडियम, नोज़ीमा बॉम्बाइसिस जाति द्वारा फैलता है । रेशम कीट के परिपक्व डिम्भक की रेशम ग्रंथियां भयंकर रूप से संक्रमित हो जाने के कारण हल्के किस्म के कोये बनते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Pedicel | वृंत | 1. अंड नलिकाओं से अंडवाहिनी तक फैली हुई विशेष लघु वाहिनी । 2. कीट श्रृंगिका का दूसरा खंड । कुछ कीटों में, इस खंड में एक विशेष संवेदी अंग होता है जिसे "जॉन्स्टन अंग" कहते हैं, उदाहरण - टिड्डा । | प्रतिपुष्टि |
Penis | शिश्न | कुछ कीटों में पाया जाने वाला एक विशेष युग्मित प्रवेशी अंग । | प्रतिपुष्टि |
Persistant | दीर्घ, स्थाई | रोगाणु के संदर्भ में - रोगवाहक में प्राय: लम्बे समय तक अथवा जीवन पर्यन्त बना रहने वाला। कीटनाशक के संदर्भ में - लम्बे समय तक आविषालुता वाला । | प्रतिपुष्टि |
Persistant virus | दीर्घस्थायी विषाणु | रोग वाहक के शरीर में चिरकाल तक रहने वाला विषाणु ; कीट में उपस्थित परिसंचारी विषाणु । | प्रतिपुष्टि |
Pest resurgence | नाशकजीव पुनरूत्थान | कीटनाशी रसायन के उपचार से नियमनकारी प्राकृतिक शत्रुओं के नष्ट हो जाने से लक्षित नाशक कीट की संख्या का तेजी से बढ़ जाना । | प्रतिपुष्टि |
Petroleum oils | पैट्रॉलियम तेल | कीटों के नियंत्रण के लिए प्रयुक्त पीड़कनाशी जो कच्चे तेल के परिष्करण से तैयार किए जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Phallomere | शिश्नखंड | कुछ कीटों के व्यक्तिवृत्त (ontogeny) में जनन रंध्र के पार्श्वो में बनी जननांग पालियां । अधिकांश कीटों में ये मिलकर शिश्न का निर्माण करती हैं, लेकिन ब्लैटिडी और मैन्टिडी कुल के वयस्कों में ये सम्मिश्र जननांग के रूप में परिवर्धित होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Phase | प्रावस्था | कीट विशेष की वह अवस्था जिसमें समष्टि घनत्व की अनुक्रिया में व्यवहार, क्रिया, रंग और आकार के परिवर्तन की क्षमता होती है । उदाहरण - टिड्डी की एकल और यूथी प्रावस्था । | प्रतिपुष्टि |
Phasmid | पर्णाभक, फैस्मिड | वे यष्टि कीट (स्टिक कीट) अथवा पूर्ण - कीट जो फासमिडा गण के अंतर्गत आते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Phasmida | फैस्मिडा | बड़े अपंखी या पंखी कीट जो प्राय: लंबे, बेलनाकार और बिरले ही संपीड़ित (compressed) तथा पत्ती जैसे आकार में पाए जाते हैं । मुखांग चिबुकीय; अग्रवक्ष छोटा; टांगे एक दूसरे के तुल्य; गुल्फ हमेशा 5 खंडीय; अग्रपंख हो तो प्राय: छोटे और उपसीमांतीय कॉस्टा वाले; अंडनिक्षेपक छोटा; नर बाह्य जननांग असममितीय; लूम छोटे व अंखडीय होते हैं । विशिष्टीकृत श्रवण और घर्षणध्वनि अंग नही होते । कायांतरण थोड़ा । उदाहरण - यष्टि कीट (स्टिक इन्सेक्ट) और पर्णभ कीट (लीफ इन्सेक्ट) | प्रतिपुष्टि |
Pheromone | फीरोमोन | कीटों या अन्यप्राणियोंद्वारा उत्पन्न एक रसायन विशेष जो उसी जाति के कीटों और प्राणियों के व्यवहार को प्रभावित करता है । | प्रतिपुष्टि |
Phragma | फ्रेग्मा | पृष्ठकों (वक्ष पृष्ठक) के पट्टिका जैसेनतिपरिवर्तन(inflections) जो कीटों के पंखों की पृष्ठीय अनुदैर्ध्य पेशियों के संलग्न के लिये आधार प्रदान करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Plecoptera | प्लेकॉप्टेरा | मध्यम से लेकर बड़े आकार वाले मृदु - शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकाए लंबी और शूकमय; मुखांग कमजोर और आदंशी; पंख झिल्लीमय होते हैं जो विश्रामावस्था में पृष्ठ पर चपटे रहते हैं । पश्च पंखों का जोड़ा आमतौर पर बड़ा और सुपरिवर्धित गुद - पालि (anallobe) वाला; गुल्फ 3 खंडीय होता है । उदर का अंत लंबे बहुसंधित (multi articulate) लूमों के रूप में होता है । अंडनिक्षेपक नहीं होता । कायांतरण अल्परूपांतरी (hemimetabolous); अर्भक जलीय; लंबी श्रृंगिकाओं और लूमों वाले; तथा वातक क्लोम नहीं होते । उदाहरण - अश्म मक्षियां (stone flies) । | प्रतिपुष्टि |
Pleuron | पार्श्वक | कीट - काय का अधर - पार्श्व कठक । | प्रतिपुष्टि |
Pod borer | शिम्ब वेधक, फली वेधक | वे कीट जिनके डिम्भक पुष्प कलिकाओं को खाते हैं अथवा फली को वेधकर विकसित हो रहे बीजों को अपना आहार बनाते हैं जैसे हीलियोथिस आर्मीजेरा, एग्रोमाइज़ा ओवटयूजा आदि । | प्रतिपुष्टि |
Podite (podomere) | पादांश (पादखंड) | कीट के पैर का खंड । | प्रतिपुष्टि |
Poison bait | विष विलोभक | भूसी, शीरा, अनाज आदि में विष के मिलाने से बना पदार्थ जिसे विलोभक (bait) की भांति उपयोंग करकेहानिकारककीटों अथवा कृंतकों (rodents) को मारा जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Polyembryony | बहुभ्रूणता | परिवर्धन की प्रारंभिक अवस्था में एक ही अंडे के विखंडन से अनेक भ्रूणों की उत्पत्ति । इसका मुख्य उदाहरण हाइमनोप्टेरा गण के अनेक परजीवी कीट हैं जिनमें एक युग्मनज से सैकड़ों भ्रूण उत्पन्न हो सकते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Polyhedrosis | पॉलिहेड्रोसिस | ऐसा कीट रोग जिसमेंयदिपॉलिहेड्रॉन संक्रमित कोशिकाओं के केंद्रकों में हों, तो इस रोग को "केंद्रकी पॉलिहेड्रोसिस" औरयदियह कोशिकाद्रव्य में हो, तो इसे "कोशिकाद्रव्वी पॉलिहेड्रोसिस" कहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Polymorphism | बहुरूपता | कीट की ऐसी पीढ़ियां जिन में नर और मादा का अनुपात बहुत असमान होता है अथवा उसी पीढ़ी या अन्य पीढ़ियों में एक ही लिंग के पूर्णत: भिन्न प्रकारों की उत्पत्ति । | प्रतिपुष्टि |
Population dynamics | समष्टि गतिकी | समूची पर्यावरणीय दशाओं के प्रभाव के अंतर्गत समय और दिक्काल में किसी कीट जाति के वितरण एवं प्रचुरता में परिवर्तन का होना । | प्रतिपुष्टि |
Posterior tentorial arms | पश्च छदिशाखा | सपंख कीटों में क्यूटिकलीय अंतर्वलन का पश्च जोड़ा जो पश्चानुकपाल सीवन के नीचे के सिरों में स्थित पश्चछदि गर्तो से निकलता है । यह सिर के साथ मिलकर अधर तंत्रिका रज्जु पर चापाकार ढाँचा बनाता है और मुखपथ को सहारा देता है । | प्रतिपुष्टि |
Predation | परभक्षण | परभक्षी द्वारा अपने शिकार का बड़ी संख्या में खाया जाना । उदाहरण - मीनूकाइलस परभक्षी कीट का एफिड को खाना । | प्रतिपुष्टि |
Primary parasitoid | प्राथमिक परजीव्याभ | ऐसे संधिपाद का कीट - परजीवी जो स्वयं परजीवी नहीं हैं । | प्रतिपुष्टि |
Proboscis | शुंड, शुंडिका | कीट के लम्बे मुखांग जो छेद करने, चूसने अथवा अशन की अन्य विधियों के लिए अनुकूलित होते हैं । यह उर्ध्वोष्ठ, जंभिका, चिबुकास्थि, अधोग्रसनी या अधरोष्ठ में से किसी एक या सभी के रूपांतरण से बनती है । | प्रतिपुष्टि |
Prognathus | उद्हनु | कीट के सिर का एक ऐसा प्रकार जिसमें सिर उर्ध्वाधर और मुखांग आगे की ओर बढ़े होते हैं। | प्रतिपुष्टि |
Proleg | प्रपाद | इल्लियों के कुछ उदरीय खंडों पर स्थित छोटे और बिना संधि वाले मांसल पाद जो चलन में काम आते हैं । इनके सामान्यत: चार जोड़े पाये जाते हैं, लेकिन "लूपरो" (जियोमैटिडी) में केवल दो, माइक्रोप्टेरीजिडी के कीटों में आठ तथा आरा मक्खी (टेन्थ्रीडीनिडी) में छ: या सात जोड़े होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Pronotum | प्रवक्षपृष्ठक | कीट के पहले वक्षीय खंड का पृष्ठीय क्यूटिकलीय आवरण, जो कभी - कभी बड़ा होकर शेष वक्ष को आवृत करने वाले कवच का निर्माण करता है । | प्रतिपुष्टि |
Protelean parasite | अपरिपक्व परजीवी | ऐसी कीट जाति (स्पीशीज) जो केवल अपरिपक्व अवस्था में ही परजीवी होती है । | प्रतिपुष्टि |
Protocephalon | आद्यशीर्ष | भ्रूण की शिरस्य पालियों के अनुरूप संधिपाद प्राणी के सिर से विकास की एक सामान्य प्रारंभिक अवस्था । इसमें पुरोमुख और आमतौर पर प्रथम मुखपश्चीय कायखंड होते हैं जिनसे कीट के आद्यशिरस्य क्षेत्र का निर्माण होता है । | प्रतिपुष्टि |
Protocerebrum | आद्यप्रमस्तिष्क | कीट के मस्तिष्क का अग्रभाग जो भ्रूणावस्था में प्रथम कायखंड की संयुक्त गुच्छिकाओं से बनता है तथा जिसमें नेत्रीय तथा अन्य सम्बद्ध केंद्र होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Protura | प्रोट्यूरा | सूक्ष्म अपंखी, कीट जिनके मुखांग अंत: सृतहनु वाले होते हैं । श्रृंगिकाएं और संयुक्त नेत्र नहीं होते; उदर में सुपरिवर्धित पुच्छखंड होता है तथा मैलपीगी नलिकाएं पैपिलियों द्वारा निरूपित होती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Psocoptera | सोकोप्टेरा | 15-20 खंडीय लम्बी तंतुरूपी श्रृंगिकाओं वाले कीट । अंग्रेजी के अक्षर वाई - आकार का अधिकपाली सीवन (epicranial suture); जंभिका दंड - रूपी लैसीनिया से युक्त; अग्रवक्ष आमतौर पर छोटा; गुल्फ 1 या 3 खंडीय; लूम नहीं होते । उदाहरण - पुस्तक जूंए (बुक लाइस) । | प्रतिपुष्टि |
Pubescent | रोमिल | छोटे महीन रोमों से ढका हुआ कीट । उदाहरण - शलभ । | प्रतिपुष्टि |
Pupa | कोशित | सभी तरह के होलोमेटावोलस - कीटों की सुप्त निष्क्रिय अवस्था जो डिम्भक और वयस्क की मध्यवर्ती है । इसमें वलन और अशन नहीं होता परन्तु पर्याप्त विकासात्मक परिवर्तन होते रहने हैं जो पूर्व पूर्णक - अवस्था के लिए आवश्यक है। | प्रतिपुष्टि |
Pyrethrum | पाइरेथ्रम | वह कीटनाशी जो सूखे गुलदाऊदी (क्राइसेन्थेमम) के पुप्प मुंडकों से बनाया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Rasping mouthparts | रेतन मुखांग | कीट मुखांगों का एक प्रकार जो दाहिनी चिबुकास्थि के ह्रासित होने से असममित होता है । ये संरचना में वेधन, चूषण तथा चर्वण मुखांगों के मध्यवर्ती किंतु, कार्य में रेतन और चूषण जैसे होते हैं । इनसे पौधों की बाह्य त्वचा को विदीर्ण करके स्रावित होने वाले रस को चूसा जाता है । उदाहरण - रसादों (थ्रिप्स) के मुखांग । | प्रतिपुष्टि |
Rectal papilla | मलाशय पिप्पल | अधिकांश डिप्टेरा व साइफोनेप्टेरा गणों के कीटों के मलाशय की भीतरी भित्ति में पाये जाने वाले शंक्वाकार खोखले अंतर्वलन। ये संख्या में चार से छह तक होते हैं तथा मलाशय के अग्र भाग में गोलाई में लगे होते हैं । इनका मुख्य कार्य मल में उपस्थित जल का अवशोषण और संरक्षण करना है । | प्रतिपुष्टि |
Repugnatorial gland | प्रतिकारी ग्रंथि | विविध कीटों के विभिन्न भागों से मिलने वाली चर्मीय ग्रंथियां जो नाना प्रकार के वाष्पशील रसायनों को उत्पन्न करती है । ये रसायन - बाधा पहुंचाने वाली गंध निकालते हैं और सुरक्षात्मक प्रतिकर्षी प्रभाव पैदा करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Resistant species | प्रतिरोधी जाति | 1. (कीटों के संदर्भ में) - कीटों की वह जाति जो कीटनाशी के प्रति रोध रखती है । 2. (पौधों के संदर्भ में) - पौधों की वह जाति, जो कीटों के प्रति रोध रखती है । | प्रतिपुष्टि |
Root feeder | मूल - अशनी, मूलाहारी | ऐसे कीट जो पौधों की जड़ों और भूमिगत अंगों को खाते और क्षति पहुंचे हैं । उदाहरण - बीज तथा जड़ अपादक (मैगट), मक्का जड़ डिम्भक आदि । | प्रतिपुष्टि |
Sagittae | शराश्मक | कलापंखी (hymenoptera) कीटों में लिंगाग्रिका के समीपस्थ पार्श्व प्रवर्ध । | प्रतिपुष्टि |
Salivarium | लालाशय | अधोग्रसनी और अधरोष्ठ के मूल के बीच में स्थित कोटरिका जिसमें लार वाहिनियां खुलती हैं । उच्च - कोटि के कीटों में यह लार पम्प या वयन उपकरण के रुप में परिवर्तित हो जाता है। | प्रतिपुष्टि |
Sarcophagous | मांसभोजी | वह जीव या कीट जो अन्य जीवों का मांस खाकर रहते हैं । उदाहरण - फ्लैश फ्लाई, स्कूवर्म । | प्रतिपुष्टि |
Scale | शल्क | देह भित्ति का छोटा, सपाट बाह्य प्रवर्ध जो वयस्क लेपिडॉप्टेरा और बहुत से अन्य कीटों में शरीर का आवरण बनाता है । | प्रतिपुष्टि |
Sclerite | कठक | देह भित्ति का कोई भी बड़ा अथवा छोटा दृढ़ीकृत क्षेत्र । अधिकांश वयस्क कीटों और उनके डिम्भकों की प्ररुपी देह - भित्ति, चार स्पष्ट दृढ़ीकृत क्षेत्रों में विभक्त की जा सकती है - पृष्ठ क्षेत्र या पृष्ठक, अधर क्षेत्र या अधरक और देह की दोनों बगलों में एक पार्श्व क्षेत्र या पार्श्वक । | प्रतिपुष्टि |
Scoring | समंकन | कीट अथवा रोगोत्पादक जीवों से उत्पन्न ग्रसन अथवा संक्रमण की विभिन्न मात्रा को निर्धारित करने के लिए निश्चित संख्यात्मक मान । | प्रतिपुष्टि |
Secondary parasite | द्वितीयक परजीवी | प्राथमिक परजीव्याभ का कीट परजीवी । | प्रतिपुष्टि |
Secondary pest | गौण पीड़क, द्वितीयक पीड़क | वे पीड़क (नाशक कीट), जो आर्थिक दृष्टि से प्राय: महत्वपूर्ण संख्या में उपस्थित नहीं होते लेकिन सस्यीय विधियों अथवा फसल की किस्मों में परिवर्तनों के कारण अथवा मुख्यनाशक कीटों के विरुद्ध कीटनाशकों के अविवेकीय उपयोग के परिणामस्वरुप आर्थिक क्षति स्तर तक पहुंच जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Seed protectant | बीज रक्षक | एक रसायन विशेष जिसका प्रयोग रोपण करने से पहले बीजों पर किया जाता है जिससे नए पौधों का रोगों और कीटों के बचाव होता है । | प्रतिपुष्टि |
Selective pesticide | चयनात्मक पीड़कनाशी | ऐसा रसायन जो औरों की अपेक्षा कुछ पादप, कीट, सूक्ष्मजीव आदि के लिए ही अधिक आविषालु होता है । | प्रतिपुष्टि |
Selective placement | चयनात्मक स्थापना, वरणात्मक स्थापना | किसी विशेष लक्ष्य पर कीटनाशक के इस्तेमाल को कम करने की दृष्टि से उसके स्थानन का एक तरीका । इसमें केवल उन्हीं सतहों को उपचारित किया जाता है जिन पर निक्षेप (डिपाजिट) के अंतरण की संभावना सबसे ज्यादा होती है । स्थानन के इस तरीके का एक अन्य लाभ यह भी है कि इससे प्राकृतिक शत्रु कीटनाशक से प्रभावित होने से बच जाते हैं । यह कीटनाशियों के न्यायसंगत उपयोग की एक विधि है जो पर्यावरण के प्रदूषण को कम करती है । | प्रतिपुष्टि |
Sericulture | रेशमकीट पालन | कच्चे रेशम का व्यापारिक स्तर पर उत्पादन करने के लिए प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से रेशम कीट का पालन पोषण । | प्रतिपुष्टि |
Shredding | कतले काटना, काटना | कीट के भक्षण का एक प्रकार जिसमें पत्तियां धज्जियों अथवा लम्बे पतले टुकड़ों में बदल दी जाती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Sigmoid curve | सिग्माभ वक्र | आविष मात्रा और मृत्यु दर को आलेखित करने वाला वक्र। आविषालुक (कीटनाशी या पीड़कनाशी) की मात्रा या सांद्रता के अनुरूप लघुगणांक के विरूद्ध कीट की मृत्यु दर के प्रतिशत से बनने वाले वक्र से पता चलता है कि घातक स्तरों पर आविष की मात्रा / सांद्रता बढ़ाने से मृत्युदर में विशेष वृद्धि नहीं होती । | प्रतिपुष्टि |
Silk gland | रेशम ग्रंथि, कौशेय ग्रंथि | वह ग्रंथि जिससे रेशम का निर्माण होता है । उदाहरण - रेशम कीट, एम्बीओप्टेरा गण के कीट, मकड़ियां आदि । | प्रतिपुष्टि |
Silk toxicity | रेशम आविषालुता | रेशम कीट की रेशम ग्रंथियों में रेशम रुका रहने से उत्पन्न घातक "हाइपर एमीनोएसिडीमिया" नामक रोग । | प्रतिपुष्टि |
Silver fish | रजतमीनाभ, मत्स्यक | गण थाइसैनूरा और कुल लैपिस्मैटिडी का आद्य कीट जो पंखहीन, रजतमय तथा शल्की होता है । इसमें लम्बी श्रृंगिकायें, कर्तनमुखांगव ऐसी त्रिकीय पुच्छ होती है जो दो लम्बे लूमों एवं एक मध्य तंतु से बनी होती है । इन कीटों को शूक - पुच्छ (ब्रिसल टेल) भी कहते हैं । उदाहरण - लेपिस्मा । यह कीट कपड़ों में लगी मांड और जिल्दवाली किताबों की लेई या गोंद को खाता है । | प्रतिपुष्टि |
Siphonaptera | साइफौनैप्टोरा (विनाल पंखी गण) | छोटे, अपंखी, पार्श्वत: संपीड़ित (compressed) कीट जिनके प्रौढ़ नियततापी (warm blooded) प्राणियों पर बाह्य परजीवी होते हैं । नेत्र नहीं होते । सामान्यत: दो नेत्रक, छोटी और मजबूत श्रृंगिकाएं, वेधन और चूषण के लिए रुपांतरित मुखांग होते हैं । वक्षीय खंड असंयुक्त; कक्षांग बहुत लंबे होते हैं । डिम्भक लंबे, क्रॉसरूपी और पादपहीन; कोशित (pupae) अबद्ध और कोयों (cocoons) में बंद होते हैं । उदाहरण - पिस्सू आदि । | प्रतिपुष्टि |
Siphunculata | साइफनकुलेटा | इस गण के कीट पंखहीन और स्तनधारियों के परजीवी होते हैं तथा अनेकरोगफैलाते हैं । नेत्र लघुकृत अथवा अनुपस्थित; नेत्रक अनुपस्थित । इनके मुखांग वेधन और चूषण के लिए अत्यधिक रूपांतरित होते हैं तथा प्रयोग में न आने पर सिर के भीतर आंकुचित रहते हैं । वक्षीय खंड संयुक्त, गुल्फ (टार्सी) एक - खंडीय; नखर एकल और श्वासरंध्र पृष्ठीय होते हैं । लूम अनुपस्थित । उदाहरण - जूं (यूका) । | प्रतिपुष्टि |
Social insect | सामाजिक कीट | वह कीट जो प्राय: संगठित समुदाय बनाकर रहते हैं । इसमें श्रमविभाजन के आधार पर रानी, श्रमिक, सैनिक आदि सदस्य होते हैं । उदाहरण - दीमक, मधुमक्खी, बर्र, चीटियां । | प्रतिपुष्टि |
Socii | सोसाई | ट्रिकोप्टेरा और शल्कपंखी गण (लेपिडॉप्टेरा) के कीटों के दसवें खंड के पार्श्व अनुबंधी प्रवर्ध । ये संभवत: निम्नतर कलापंखी गण (हाइमनोप्टेरा) के दसवें खंड के लूम (सर्कोपोड) जैसे उपांगों के समजात होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Soiltary parasitoid | एकल परजीव्याभ | ऐसा कीट परजीवी जो सामान्यत: एक संधिपाद - परपोषी पर एक कीट की दर से विकसित होता है । | प्रतिपुष्टि |
Space spray | अवकाशी फुहार | ऐसा पीड़कनाशी जो ऐरोसोल पात्र या फुहारक (स्प्रेयर) से निकलकर तेजी से छोटे - छोटे बिन्दुकों के रूप में कमरे या भवन में फैल जाता है और कीटों तथा अन्य पीड़कों को नष्ट कर देता है । | प्रतिपुष्टि |
Spatha | स्पाथा | कलापंखी (हाइमनोप्टेरा) कीटों में पाई जाने वाली लिंगाग्रिका की पृष्ठ पालि । | प्रतिपुष्टि |
Squama | शल्क, शल्किका | कलापंखी (हाइमनोप्टेरा) कीटों में शिश्नाधार की पृष्ठ - पार्श्व पालि । | प्रतिपुष्टि |
Stadium (pl. stadia) | अंतरावस्था | कीट की वृद्धि के दौरान दो निर्मोकों के बीच की अवधि । | प्रतिपुष्टि |
Sterile - insect technique | बंध्य - कीट तकनीक | पीड़क के संदमन के लिए प्रयुक्त की जाने वाली आनुवंशिक विधि जिसमें सुसंगत लेकिन बंध्य, नर - कीटों का बड़े पैमाने पर इसी पीड़क की वनसंचरी जनन क्षम समष्टि में मोचन किया जाता है ताकि उसकी जनन क्षमता पर अधिकार किया जा सके अथवा उसका पूरी तरह से संदमन किया जा सके । | प्रतिपुष्टि |
Sternum | अधरक | कीट के खंड की अधर पट्टिका । | प्रतिपुष्टि |
Stomach poison | जठर - विष | ऐसा पीड़कनाशी जिसको खाने से प्राणी या कीट मर जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Stored - product forensic entomology | संग्रहित उत्पाद विधि कीट विज्ञान | विधि कीट विज्ञान की वह शाखा है जो वाणिज्य उत्पादों में संधिपादों से होने वाले ग्रसन अथवा संदूषण से संबंध रखती है (जैसे भृंगों अथवा उनके भागों का मिसरी अथवा कैण्डी - बार में मिलना, चटनी में मक्खियों अथवा स्नानघर के टिशू कागज में मकड़ियों की उपस्थिति । | प्रतिपुष्टि |
Strepsiptera | स्टेप्सिप्टेरा | छोटे अंत: परजीवी कीट जिनके मुखांग उपह्रासित (degenerate), आदंशी प्रकार के और श्रृंगिकाएं सुस्पष्ट तथा व्यजनाभ (flabellate); अग्रपंख छोटी गदाकार संरचनाओं के रूप में लघुकृत, पश्चपंख बड़े और पंखे जैसे; पश्चवक्ष अत्यधिक सुपरिवर्धित; शिखरक (trochanters) नहीं होते । नर मुक्तजीवी; मादाएं सामान्यत: परपोषी में, कोशितावरण (puparium) में, बंद रहती हैं; लैगिक रंध्र खंडीय, 3 से 5 तक । कुछ मादाएं परपोषी को छोड़ देती हैं और उनमें डिम्भकरूपी संरचनाएं तथा अंतस्थ जनन रंध्र (gonopores) होते हैं, डिम्भक का परिवर्धन अतिकायांतरी (hypermetamorphic) होता है । उदाहरण - स्टाइलोपिड । | प्रतिपुष्टि |
Stridulation | घर्षण ध्वनिकीटों में घर्षण क्रिया विधि द्वारा ध्वनि का उत्पन्न होना । | प्रतिपुष्टि | |
Style | शूक | कीटों के रोम - सदृश्य, तीखी नोक वाले और खांचेदार रूपान्तरित मुखांग जो भेदन और तरलों के चूषण के लिए अनुकूलित होते हैं । ये तरल प्राणियों का रक्त और पादपों का कोशिका रस हो सकते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Subcosta | उपकॉस्टा | कीट पंख की प्राय: दूसरी शिरा जो प्रथम सहायक कठक के अग्रिम सिरे से अधरीय तौर पर संबंद्ध होती है । | प्रतिपुष्टि |
Succession | अनुक्रमण | समय और अनुक्रम की दृष्टि से कीटों अथवा अन्य जीवों का एक के बाद एक उपस्थित होना। | प्रतिपुष्टि |
Sucking insect | चूषक कीट | द्रव - आहार का चूषण करने वाले कीट । | प्रतिपुष्टि |
Swarming | वृन्दन | भोजन, प्रजनन, शीत अथवा ग्रीष्म निष्क्रियता के लिए कीटों का बड़ी संख्या में एक साथ निर्गमन । | प्रतिपुष्टि |
Symbionts | सहजीवी | कीट की आहार नाल अथवा उसके विशिष्ट अंगों (माइसीटोम) में रहने वाले सूक्ष्मजीव जो उसके आवश्यक पोषकों की आपूर्ति करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Sympatric distribution | समस्थानिक वितरण | कीट जाति अथवा समष्टियों का स्थानिक वितरण जो समीपस्थ क्षेत्र में साथ - साथ पाए जाते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Symptom | लक्षण | किसी पौधे या प्राणी में रोग या कीट प्रकोप या विषाक्तन का संकेत । जिससे यह पता लगता है कि कोई पीड़क या पीड़कनाशी किसी रोग, हानि या विनाश का कारण है । | प्रतिपुष्टि |
Synthetic diet | संश्लिष्ट आहार | कीटों का बड़े पैमाने पर प्रजनन करने के लिए ज्ञात घटकों से बनाया गया आहार । ऐसे कीटों का उपयोग कृत्रिम मोचन अथवा अन्य परीक्षणों के लिए किया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Synthetic insecticide | संश्लिष्ट कीटनाशी | संश्लेषित रूप से बनाये गये कीटनाशक । | प्रतिपुष्टि |
Tagmata | खंडेकक | कीट शरीर के तीन मुख्य भाग सिर, वक्ष और उदर । | प्रतिपुष्टि |
Target insect | लक्ष्य कीट | वह कीट जिसके विरुद्ध नियंत्रण संबंधी व्यूह रचना की जाती है । | प्रतिपुष्टि |
Technical grade insecticide | विशुद्ध असंरूपित कीटनाशी | व्यापारिक स्तर पर तैयार किया जाने वाला कीटनाशी का वह विशुद्ध रूप जिसको संरूपित करके उपयोग में लाया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Tergum | पृष्ठक | कीट - शरीर के प्रत्येक खण्ड को ढकने वाली पृष्ठीय क्यूटिकुलीय प्लेट (कठक) । | प्रतिपुष्टि |
Terminal segment | अंतस्थ खंड | कीट काय का अंतिम कायखंड । | प्रतिपुष्टि |
Termite | दीमक | एक सामाजिक कीट जो आइसोप्टेरा गण के अंतर्गत आता है और लकड़ी तथा उससे बनी वस्तुओं, फसलों तथा सेल्यूलोस वाले दूसरे पदार्थो को हानि पहुंचाता है । | प्रतिपुष्टि |
Test insect | परीक्षार्थ कीट | किसी विशेष परीक्षण के लिए चुने गए कीट का प्रकार । | प्रतिपुष्टि |
Thorax | वक्ष | कीट - काय का दूसरा भाग जो अग्र, मध्य और पश्च खंडों में बंटा होता है । | प्रतिपुष्टि |
Thrips | रसाद, थ्रिप | थाइसेनोप्टेरा गण में पाये जाने वाले कीट । | प्रतिपुष्टि |
Thysanoptera | थइसैनोप्टेरा | छोटे या सूक्ष्म तनु - शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकाएं छोटी और 6 से 10 खंडीय होती हैं । असममितत: वेधी मुखांग; अग्रवक्ष सुंपरिवर्धित और असंयुक्त; गुल्फ अंतस्थ बहि:सारी आशय (protrusible vesicle) वाले; पंख बहुत संकीर्ण जिनका शिराविन्यास अत्यधिक लघूकृत होता है और सीमांत शूक (setae) लंबे होते हैं । कायांतरण एक या दो निष्क्रिय कोशित निर्मोकरुप (instar) वाला होता है । उदाहरण - थ्रिप्स । | प्रतिपुष्टि |
Tolerance | सह्यता | किसी जीव (पादप अथवा कीट) का ऐसा सामर्थ्य जिसके द्वारा वह उद्दीपक के प्रभाव को सहन कर लेता है, अथवा परपोषी की ऐसी विशिष्ट योग्यता जिससे वह कीट अथवा रोगाणु ग्रस्त होने पर भी अपनी उत्पादकता को बचाये रखता है । | प्रतिपुष्टि |
Tolerance level (tolerance limit) | सह्य स्तर (सह्यता सीमा) | पी. पी. एम. में अभिव्यक्त, कीटनाशी अवशेष की अनुमत सांद्रता । | प्रतिपुष्टि |
Tracheal gills | वातक क्लोम | कुछ कीटों के ऐसे श्वसन अंग, जिनमें कार्य- भित्ति की बहिर्वृद्धि में अनेक बंद श्वसन नलिकाएं होती हैं । | प्रतिपुष्टि |
Trail following | पथ चिन्ह अनुगमन | एक कीट का दूसरे कीट के पीछे चलना। पथचिह्न फीरोमोन के प्रभाव के कारण पूरे निवह में निकटता और सामाजिक एकीकरण रहता है। पथचिह्न फीरोमोन अधिकांश अन्यफीरोमोनकी तरह बहुघटकीय फीरोमोन होते हैं। | प्रतिपुष्टि |
Transovarial | पारअंडाशयी | कीटों में अंडे द्वारा सहजीवी सूक्ष्मजीवों का एक संतति से दूसरी संतति में संचरण । | प्रतिपुष्टि |
Traps | पाश (ट्रेप) | सामान्यत: इसका उपयोग पीड़कों की जातियों की वास्तविक उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है । इसके कुछ उदारहण इस प्रकार हैं : 1. प्रकाश पाश - जो रात में उड़ने वाले कीटों (कई तरह के शलभों और मच्छरों आदि) को अपनी ओर आकृष्ट करते हैं । 2. चिपचिपा पाश - जिसका उपयोग फलोद्यानो और खेतों में शिशु कीटों की संख्या का आकलन करने के लिए किया जाता है । 3. फीरोमोन पाश - जिसका उपयोग कीटों की पारस्परिक संचार व्यवस्था सहायक, विपरीत लिंगी कीटों को आकर्षित करने वाली घ्राण शक्ति के उत्तेजक रसायनों के रूप में होता है । इसके अतिरिक्त खाद्य पदाथों का भी पीड़कों को फांसने के लिए उपयोग होता है । | प्रतिपुष्टि |
Trenching | खाई खोदना | खाई खोदकर टिड्डे, टिड्डियों के शिशुओं अथवा अन्य कीटों को पिंजरित करने की विधि। | प्रतिपुष्टि |
Trichogen | शूकजन | वह अधिचर्मी कोशिका जो कीट के शरीर अथवा पक्ष पर क्यूटिकलीय रोम, शूक या शल्क उत्पन्न करती है । | प्रतिपुष्टि |
Trichoptera | ट्रिकोप्टेरा | छोटे से लेकर साधारण आकार के शलभ - जैसे कीट जिनकी श्रृंगिकाएं शूकमय होती हैं । चिबुक अवशेषी या नहीं; जंभिकाएं एक पालि और लंबे स्पर्शक (palp) वाली; अधरोष्ठ (labium) मध्य ग्लोसा और सुपरिवर्धित स्पर्शक वाले;पंख झिल्लीमय लगभग रोमयुक्त और विश्रामावस्था में पृष्ठ पर छत जैसी स्थिति मे होते हैं । अग्रपंख दीर्घ; पश्च पंख अधिक चौड़े और वलयित गुद क्षेत्र वाले; गुल्फ 5 - खंडीय; डिम्भक जलीय, कुछ - कुछ क्रॉसरूपी और सामान्यत: कोश में रहते हैं । शरीर के अंत में अंकुशयुक्त पुच्छ - उपांग;कोशित अबद्ध और मजबूत चिबुक वाले; वातकन्यास लघूकृत होते हैं । उदाहरण - चेल मक्षियां । | प्रतिपुष्टि |
Trochanter | ट्रोकेन्टर, शिखरक | कीट पाद का प्राय: दूसरा खंड जो दो संधिकठकों के जुड़ने से बना होता है । कुछ परिस्थितियों जैसे ओडोनेटा गण में घटकीय खंडों के बीच विभाजन स्पष्ट दिखाई देते है । | प्रतिपुष्टि |
Uncus | अंकुश (अंकस) | शल्कपंखी कीटों की गुदा पर दसवें उदरीय पृष्ठक का प्रवर्ध । | प्रतिपुष्टि |
Unguis | नखर | कीटों के पाद के पार्श्व नखर जो अंगुलिपादांश से विकसित होते हैं । अनेक संधिपादों में इन्हें गुल्फ - नखर भी कहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Univoltine | एकप्रज | वह कीट जिसकी एक वर्ष में एक ही पीढ़ी होती है । उदाहरण - रेशमकीट । | प्रतिपुष्टि |
Urate cell | यूरेट कोशिका | कुछ कीटों के वसा पिंडकों में पायी जाने वाली एक प्रकार की कोशिका जो रुधिर लसीका में से नाइट्रोजन युक्त त्याज्य पदार्थो को अवशोषित करती है और भंडारण के लिए यूरिक अम्ल या यूरेट का संश्लेषण करती है । | प्रतिपुष्टि |
Urban forensic entomology | शहरी विधिकीट विज्ञान | कीट विज्ञान की वह शाखा जिसमें संधिपादों के अवासों अथवा घरेलू और कानूनी कार्यवाही सम्मिलित है । | प्रतिपुष्टि |
Uterus | गर्भाशय | जननकक्ष या योनिका कोष्ठ जिसमें तरुण कीट का भ्रूणीय और कुछ भ्रूणोत्तर परिवर्धन हो सकता है । | प्रतिपुष्टि |
Uzifly | यूज़ीभक्षी | टेकेनिडी कुल के अंतर्गत द्विपंखी मखी एक्कजोरिस्टा सॉर्बिलेन्स जो रेशम उत्पादक कीटों (लेपिडोप्टेरा) की खूंखार शत्रु है । यह घरेलू मक्खी के समान पर कुछ बड़ी होती है । इसके अपादक रेशम कीट की चारों मुख्य जातियों - मूंगा, इरी, ओकस्टर और शहतूत रेशम कीट के परजीव्याभ हैं। | प्रतिपुष्टि |
Vagina | योनि | कई कीटों में जनन कक्ष से निकलता अंडमार्ग का एक भाग जो युक्त - अंडवाहिनी के पीछे होता है । | प्रतिपुष्टि |
Vannal fold (plica vannalus) | पंखाभिक वलन | किसी कीट के पक्ष के पंखाभिक क्षेत्र और रेमीजियम के बीच का वलनयावलन की अरीय रेखा; अथवा सामान्यत: अंत: प्रकोष्ठिक क्षेत्र तथा प्रथम पंखाभिक शिरा के बीच में मिलने वाली वलन की रेखा जिसकी स्थिति परिवर्तनशील होती है । | प्रतिपुष्टि |
Vector density | रोगवाहक | एक निश्चित समय में प्रति एकक क्षेत्र / स्थान में उपस्थित रोगवाहक कीटों की संख्या । | प्रतिपुष्टि |
Vena dividens | विभाजक शिरा, वेना डिविडेन्स | कुछ ऑर्थोप्टेरा कीटों में रेमिजियम और पंखाभिका (वैनस) के मध्य वलन में उपस्थित द्वितीयक शिरा । | प्रतिपुष्टि |
Venation | शिरा विन्यास | कीट के पंख में शिराओं की क्रम - व्यवस्था जो जाति की पहचान का एक साधन होती है । | प्रतिपुष्टि |
Ventriculus | पश्चजठर | ग्रंथिल जठर या पेषणी के ठीक पीछे स्थित कीट की मध्यांत्र जहां पाचन और अवशोषण की अधिकांश प्रक्रिया सम्पन्न होती है । इसकी उत्पत्ति अंतस्त्वचा से होती है । | प्रतिपुष्टि |
Vernalization | वंसतीकरण | पादप के बीज, शल्क कंद या पौध को वानस्पतिक काल कम करने के लिए उपचारित करना जिससे उनमें शीघ्र पुष्पन और फलन को प्रेरित तथा कीटप्रतिरोध उत्पन्न किया जा सके। | प्रतिपुष्टि |
Vinculum | विन्कुलम | सल्कपंखी (लेपिडोप्टेरा) कीटों में नवें उदरीय खंड की कक्षाधरीय पट्टिका । | प्रतिपुष्टि |
Virus | विषाणु, वाइरस | अतिसूक्ष्म कोशिकाहीन अविकल्पी परजीवी संरचना जिसके भीतर न्यूक्लीक अम्ल तथा चारों ओर प्रोटीन का एक आवरणहोताहै । इसको वृद्धि तथा गुणन के लिये जीवित कोशिकाओं कीआवश्यकताहोती है । पादप विषाणु प्राय: कीटों द्वारा फैलते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Wax gland | मोम - ग्रंथि | कुछ कीटों में पाई जाने वाली ग्रंथि विशेष जो मोम का स्रवण करती है । मधुमक्खियों में ये ग्रंथियां उदर के नीचे होती हैं और इनसे भारी मात्रा में मोम का स्रवण होता है, जिसे "मधु - मोम" कहा जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Weak link | दुर्बल कड़ी | कीट के जीवन इतिहास का ऐसा सर्वाधिक सुभेद्य बिन्दु जिस पर नियंत्रण साधन आसानी से पहुंचाए जा सकते हैं । | प्रतिपुष्टि |
Weighting (in insect classification) | वेटिंग (कीट वर्गीकरण में) | किसी लक्षण के जातिवृतीय सूचना के निर्धारण की विधि; कीटों के उचित वर्गीकरण क लिए लक्षण के संभाव्य योगदान का मूल्यांकन । | प्रतिपुष्टि |
Weisman's ring (ring gland) | वाइजमान वलय (वलय ग्रंथि) | घरेलू मक्खी और गुंजन - मक्खी (ब्लोफ्लाई) जैसे कीटों में प्रमस्तिष्क - गुच्छिका के ठीक ऊपर स्थित मुख्य पृष्ठ रुधिर वाहिका के चारों ओर एक ग्रंथि विशेष जिससे स्रावित हॉर्मोन प्यूपावरण के निर्माण को प्रेरित करते हैं । | प्रतिपुष्टि |
White ant | दीमक | आइसोप्टेरा गण के सामाजिक, बहुरुपी कीट जिनमें रानी, राजा, श्रमिक, सैनिक आदि प्रभेद होते हैं । ये बड़े समुदाय में लकड़ीकेअंदर या मिट्टी की बनाई गई सुरंगों में रहते हैं । | प्रतिपुष्टि |
White fly | श्वेत मक्खी | एल्यूरोडिडी कुल की छोटी समपंखी पादप - जूं जिसका शरीर महीन मोमी चूर्ण से ढका रहता है । यह पत्तियों, छोटे प्ररोहों और फलों से रस चूसती है और मधु जैसा चिपचिपा पदार्थ स्रावित करती है । यह कीट - विषाणु रोगों की वाहक होता है । | प्रतिपुष्टि |
White muscardine | श्वेत मस्कर्डाइन | विभिन्न डिम्भक और कोशित (प्यूपा) अवस्थाओं तथा वयस्क कीटों की कवकार्ति (mycosis) अर्थात् कवक रोग जो हाइफोमाइसीटोन्स कवक, वोवेरिआ बैसिआना द्वारा होता है । | प्रतिपुष्टि |
Wing pad | पक्ष तल्प | किसी अर्भक या कोशित के वक्ष की बाह्य त्वचा से निकला एक छोटा वलन जों वयस्क कीट में पंख बन जाता है । इसे "पक्ष मुकुल" भी कहते हैं। | प्रतिपुष्टि |
Wooly aphid | ऊर्णाभ एफिड | एक छोटा पादप एफिड । माहू (इरियोसोमा लेनीजीरम) जो वृक्ष के तने और शाखाओं का रस चूसकर उनमें चकत्ते (स्कैब) पैदा कर देता है । इससे सफेद मोम के समान पदार्थ निकलता है जिससे ऊनी धागों जैसा एक पिंड बन जाता है जो असंख्य कीटों को संरक्षण देता है । सेब के पेड़ को नुकसान पहुंचाने वाला यह कीट दुनियाभर में पाया जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Xenos (stylops) | जेनोंस (स्टाइलोप) | स्ट्रेप्सिप्टेरा का एक वंश जिसके डिम्भक और पंखहीन मादाएं, बर्रो पर परजीवी होते हैं और स्टाइलोपिजेरान का कारण बनते हैं (उदाहरणार्थ - जेनोस वेस्पेरम) इस वंश के कीटों को आमतौर पर स्टाइलौप कहा जाता है । | प्रतिपुष्टि |
Xeromorphic insect | शुष्कतानुकूलित कीट | मोंटी क्यूटिकल, रोमों के आवरण और इन्ही के समान सरंचनात्मक अभिलक्षणों द्वारा सतही वाष्पन की अत्यधिक हानि से सुरक्षित कीट । | प्रतिपुष्टि |
Y-vein | वाई - शिरा | दो आसन्न शिराएं जो दूरस्थ रुप से युग्मित होकर अंग्रेजी के "वाई" अक्षर की आकृति बनाती है, उदाहरण के लिए विपोनोम्यूटिडी कुल (फैमिली) के कीटों के अगले पंख की पक्षांत शिरा । | प्रतिपुष्टि |
Zarhopalus | जारोपेलस | एन्सिर्टिडी कुल के सूक्ष्म परजीवी बर्रो का एक वंश जिसके कीट एफिडों के शरीर मे अंडे देते हैं। | प्रतिपुष्टि |
Zoogeography | प्राणि भूगोल | विज्ञान की वह शाखा जो समय और स्थान में प्राणियों (कीटों) के वितरण से संबंध रखती है । | प्रतिपुष्टि |
Zoraptera | जोरेप्टेरा (अचिरपंखी गण) | सपंखी या अपंखी कीट जिनकी श्रृंगिकाएं 9- खंडीय मालाकार होती हैं । अधिकपालीय सीवन अंग्रेजी के अक्षर वाई जैसा । जंभिका प्रसामान्य; अधरोष्ठ - स्पर्शक त्रि - खंडीय; पंख यदि हो तो उन्हें आधारी विभांगों द्वारा गिराया जा सकता है; शिराविन्यास लघुकृत । अग्रवक्ष सुपरिवर्धित; गुल्फ द्वि - खंडीय; लूम बहुत छोटे व एक - खंडीय; अंडनिक्षेपक नहीं होता । नर जननांग विशिष्टीकृत और कभी - कभी असममितीय; कायांतरण थोड़ा - सा । उदाहरण - जोरोटाइपस । | प्रतिपुष्टि |
Zygoid parthenogenesis | जाइगोइड अनिषेकजनन | कीटों में, अंड से अलैंगिक जनन जो अपने परिवर्धन की अवधि में द्विगुणित बना रहता है। | प्रतिपुष्टि |
Zygoptera | जाइगोप्टेरा | डेमसल फ्लाई तथा व्याध पतंग (ड्रेगनफ्लाई) के समान कीटों का पतले शरीर और तंग आधार वाले पंखों वाले कीटों का गण जिसमें पंख विश्राम की स्थिति में उदर के ऊपर ऊर्ध्वाधर रूप में खड़े रहते हैं । पिछले पंख आगे के पंखों से ज्यादा भिन्न नहीं होते - जैसे कि वे यथार्थ व्याध पतंग (एनआइसोप्टेरा) में होते हैं । डेमसलफ्लाई के उदर के पिछले सिरे पर तीन लम्बे पुच्छ - क्लोम (कॉडल गिल) होते हैं । | प्रतिपुष्टि |
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